
मद्रास हाईकोर्ट ने वंदे मातरम के गायन को किया अनिवार्य.
चेन्नई:
तमिलनाडु के स्कूलों, कॉलेजों सहित अन्य सरकारी संस्थानों में राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' का गायन अनिवार्य कर दिया गया है. यह फैसला मद्रास हाईकोर्ट का है. फैसले में कहा गया है कि तमिलनाडु के सरकारी संस्थानों में सप्ताह में एक दिन जरूर वंदे मातरम का सामूहिक गायन कराया जाए. कोर्ट ने इसके लिए सोमवार या शुक्रवार का दिन सुझाया है. जस्टिस एमवी मुरलीधरन ने कहा कि जो लोग राष्ट्रीय गीत गाने में असमर्थ हैं उनके साथ जोर-जबरदस्ती नहीं की जाएगी. हालांकि उन्हें इसके लिए वैध कारण बताना होगा. जज ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह सरकारी वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अंग्रेजी और तमिल भाषा में राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' उपलब्ध कराए. साथ ही ये भी कहा कि अगर बांग्ला या संस्कृत में राष्ट्रीय गीत के गायन में मुश्किल हो तो वे तमिल अनुवाद का गायन कर सकते हैं.
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देश के हर नागरिक के लिए राष्ट्रभक्ति जरूरी: सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि देशभक्ति इस देश के प्रत्येक नागरिक के लिए जरूरी है. देश के हर नागरिक को समझना चाहिए कि देश मातृभूमि होती है. इसकी आजादी के लिए कई लोगों और परिवारों ने अपने जान की कुर्बानी दी है.
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मालूम हो कि 13 जून को राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट में बताया कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम मूल तौर पर संस्कृत भाषा में था लेकिन उसे बंगाली भाषा में लिखा गया था. इसी के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने वंदे मातरम को सभी स्कूल, कॉलेज और शैक्षनिक संस्थानों के लिए अनिवार्य करने का फैसला सुना दिया.
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कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सभी तरह के शैक्षणिक संस्थान में हफ्ते में कम से कम एक बार और हर सरकारी दफ्तर, निजी कंपनी, फैक्ट्री में महीने में एक बार राष्ट्रगीत वंदे मातरम गाना अनिवार्य होगा.
वीडियो: मेरठ में वंदे मातरम पर विवाद
मालूम हो कि इससे पहले साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में सभी सिनेमा घरों में फिल्म दिखाए जाने से पहले राष्ट्रगान जन गन मन को गाना अनिवार्य कर दिया था.
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देश के हर नागरिक के लिए राष्ट्रभक्ति जरूरी: सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि देशभक्ति इस देश के प्रत्येक नागरिक के लिए जरूरी है. देश के हर नागरिक को समझना चाहिए कि देश मातृभूमि होती है. इसकी आजादी के लिए कई लोगों और परिवारों ने अपने जान की कुर्बानी दी है.
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मालूम हो कि 13 जून को राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट में बताया कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम मूल तौर पर संस्कृत भाषा में था लेकिन उसे बंगाली भाषा में लिखा गया था. इसी के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने वंदे मातरम को सभी स्कूल, कॉलेज और शैक्षनिक संस्थानों के लिए अनिवार्य करने का फैसला सुना दिया.
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कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सभी तरह के शैक्षणिक संस्थान में हफ्ते में कम से कम एक बार और हर सरकारी दफ्तर, निजी कंपनी, फैक्ट्री में महीने में एक बार राष्ट्रगीत वंदे मातरम गाना अनिवार्य होगा.
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मालूम हो कि इससे पहले साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में सभी सिनेमा घरों में फिल्म दिखाए जाने से पहले राष्ट्रगान जन गन मन को गाना अनिवार्य कर दिया था.
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