उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत (फाइल फोटो)
देहरादून:
उत्तराखंड की राजनीति में कांग्रेस और बीजेपी अब अपने समर्थक विधायकों को एक-दूसरे की नज़रों से बचाने में लगे हैं। बाग़ी कांग्रेस विधायक बीजेपी विधायकों के साथ गुड़गांव के होटल में हैं तो हरीश रावत समर्थक विधायकों को जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भेज दिया गया है। 28 तारीख़ को हरीश रावत को बहुमत साबित करना है, लेकिन उससे पहले 26 मार्च तक बाग़ी विधायकों को स्पीकर के नोटिस का जवाब देना है, जिसमें पूछा गया है कि क्यों ना दल बदल क़ानून के तहत उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाए।
उधर, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक बयान में कहा है कि उत्तराखंड विधानसभा में 70 में से 36 विधायकों को समर्थन उनकी पार्टी के पास है। इसलिए वे सरकार बनाने के हक में हैं। उधर, आज ही आयकर विभाग ने उत्तराखंड के राज्यमंत्री हरेंद्र लाडी के फार्म हाउस पर छापा मारा है।
अगले साल हैं राज्य में चुनाव
सुबह खबर यह भी आई कि बीजेपी राज्य में सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है। कहा जाने लगा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी रहेगी या फिर राष्ट्रपति शासन लग सकता है। एनडीटीवी संवाददाता ने बताया कि हरीश रावत सरकार को लेकर खुद आशांवित नहीं हैं। साथ ही बीजेपी सूत्रों का कहना था कि बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी। वैसे माना जा रहा है कि राज्य में अगर हरीश रावत की जगह कांग्रेस कोई नया चेहरा लाती है तो इस संकट से निजात मिल सकती है। राज्य में अगले साल चुनाव होने हैं।
बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं की राष्ट्रपति से मिलने की संभावना
वहीं, आज इस मुद्दे पर बीजेपी के नेता और कांग्रेस के नेता राष्ट्रपति से मिलेंगे और अपनी-अपनी बात रखेंगे। बताया जा रहा है कि बीजेपी के 27 और 9 कांग्रेस के बागी विधायक राष्ट्रपति से मिलेंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता का बयान
कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह का कहना है कि हमारे सभी विधायक पुराने कांग्रेसी हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी सत्ता के बल के माध्यम से उत्तराखंड में सत्ता में आना चाहते हैं। बीजेपी अलोकतांत्रिक तरीके सत्ता में आना चाहती है।
उधर, बीजेपी ने बजट पास कराने की जल्दबाज़ी को लेकर स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल को निशाने पर ले लिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पहली बार किसी स्पीकर ने फेल हुए बिल को पास किया है।
वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या करने पर उतारू है।
28 को मुख्यमंत्री रावत को साबित करना है बहुमत
इस बीच, स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने 28 तारीख़ को विधानसभा सत्र बुलाने की अधिसूचना जारी कर दी। 28 तारीख को हरीश रावत सरकार को अपना बहुमत साबित करना है और तब तक उनके समर्थक भी एक साथ सैर-सपाटे पर निकल गए हैं। हेलीकॉप्टर से उड़ान भरकर वो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पहुंच गए। यहां उनकी होली भी साथ मनेगी और मौज मस्ती भी। साथ में आलाकमान की निगाह में भी रहेंगे।
कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने नाम न छापे जाने की शर्त पर यह माना कि अपने तथा पीडीएफ के सभी 26 विधायकों को एकजुट रखने के लिए उन्हें नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में ले जाया गया है। दिन में सहस्रधारा हेलीपैड से सभी विधायक तीन हेलीकाप्टरों से रामनगर के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी माने जाने वाले पूर्व विधायक रंजीत रावत भी विधायकों के साथ देखे गए।
हालांकि, उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने इसे अपने कुनबे को एकजुट रखने की कोशिश मानने से इंकार करते हुए कहा कि सभी विधायक होली से पहले वहां घूमने गए हैं। इस संबंध में उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है और हमें ऐसा कुछ करने की जरुरत नहीं है। हमारा कुनबा एकजुट है और एकजुट ही रहेगा।'
इस बीच, विधानसभा सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत और संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा हृदयेश ने विधानसभा पहुंचकर राज्य मंत्रिमंडल से निष्कासित किए गए कृषि मंत्री हरक सिंह रावत के दफ्तर में ताला लगवा दिया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कल हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बागी हरक सिंह रावत को निष्कासित करने का फैसला लिया गया था।
उधर, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक बयान में कहा है कि उत्तराखंड विधानसभा में 70 में से 36 विधायकों को समर्थन उनकी पार्टी के पास है। इसलिए वे सरकार बनाने के हक में हैं। उधर, आज ही आयकर विभाग ने उत्तराखंड के राज्यमंत्री हरेंद्र लाडी के फार्म हाउस पर छापा मारा है।
अगले साल हैं राज्य में चुनाव
सुबह खबर यह भी आई कि बीजेपी राज्य में सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है। कहा जाने लगा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी रहेगी या फिर राष्ट्रपति शासन लग सकता है। एनडीटीवी संवाददाता ने बताया कि हरीश रावत सरकार को लेकर खुद आशांवित नहीं हैं। साथ ही बीजेपी सूत्रों का कहना था कि बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी। वैसे माना जा रहा है कि राज्य में अगर हरीश रावत की जगह कांग्रेस कोई नया चेहरा लाती है तो इस संकट से निजात मिल सकती है। राज्य में अगले साल चुनाव होने हैं।
बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं की राष्ट्रपति से मिलने की संभावना
वहीं, आज इस मुद्दे पर बीजेपी के नेता और कांग्रेस के नेता राष्ट्रपति से मिलेंगे और अपनी-अपनी बात रखेंगे। बताया जा रहा है कि बीजेपी के 27 और 9 कांग्रेस के बागी विधायक राष्ट्रपति से मिलेंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता का बयान
कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह का कहना है कि हमारे सभी विधायक पुराने कांग्रेसी हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी सत्ता के बल के माध्यम से उत्तराखंड में सत्ता में आना चाहते हैं। बीजेपी अलोकतांत्रिक तरीके सत्ता में आना चाहती है।
उधर, बीजेपी ने बजट पास कराने की जल्दबाज़ी को लेकर स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल को निशाने पर ले लिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पहली बार किसी स्पीकर ने फेल हुए बिल को पास किया है।
वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या करने पर उतारू है।
28 को मुख्यमंत्री रावत को साबित करना है बहुमत
इस बीच, स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने 28 तारीख़ को विधानसभा सत्र बुलाने की अधिसूचना जारी कर दी। 28 तारीख को हरीश रावत सरकार को अपना बहुमत साबित करना है और तब तक उनके समर्थक भी एक साथ सैर-सपाटे पर निकल गए हैं। हेलीकॉप्टर से उड़ान भरकर वो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पहुंच गए। यहां उनकी होली भी साथ मनेगी और मौज मस्ती भी। साथ में आलाकमान की निगाह में भी रहेंगे।
कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने नाम न छापे जाने की शर्त पर यह माना कि अपने तथा पीडीएफ के सभी 26 विधायकों को एकजुट रखने के लिए उन्हें नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में ले जाया गया है। दिन में सहस्रधारा हेलीपैड से सभी विधायक तीन हेलीकाप्टरों से रामनगर के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी माने जाने वाले पूर्व विधायक रंजीत रावत भी विधायकों के साथ देखे गए।
हालांकि, उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने इसे अपने कुनबे को एकजुट रखने की कोशिश मानने से इंकार करते हुए कहा कि सभी विधायक होली से पहले वहां घूमने गए हैं। इस संबंध में उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है और हमें ऐसा कुछ करने की जरुरत नहीं है। हमारा कुनबा एकजुट है और एकजुट ही रहेगा।'
इस बीच, विधानसभा सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत और संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा हृदयेश ने विधानसभा पहुंचकर राज्य मंत्रिमंडल से निष्कासित किए गए कृषि मंत्री हरक सिंह रावत के दफ्तर में ताला लगवा दिया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कल हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बागी हरक सिंह रावत को निष्कासित करने का फैसला लिया गया था।
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