यूपी : यादव परिवार में मचे घमासान के बीच गठबंधन सहयोगी तलाशने में जुटे मुलायम और शिवपाल

यूपी : यादव परिवार में मचे घमासान के बीच गठबंधन सहयोगी तलाशने में जुटे मुलायम और शिवपाल

समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव की फाइल फोटो

खास बातें

  • यादव परिवार में मचा राजनीतिक घमासान और उठापठक जारी है
  • मुलामय की कोशिश यूपी चुनावों में बिहार की तर्ज़ पर महागठबंधन बनाने की है
  • RLD प्रमुख अजित सिंह और जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव से संपर्क साधा
नई दिल्ली:

समाजवादी पार्टी के पारिवारिक झगड़े से बाहर मुलायम और शिवपाल यादव ने अब विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक गठजोड़ बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं. उनका कहना है कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए सबको साथ आना पड़ेगा.

5 नवंबर को समाजवादी पार्टी अपना रजत जयंती मना रही है और मुलायम सिंह 25 साल के जश्न को एक राजनीतिक मंच बनाने की तैयारी कर रहे हैं. बहाना 5 नवंबर के 25 साला जलसे का है, लेकिन मुलायम और शिवपाल अब गैरबीजेपी-गैरबीएसपी दलों को जोड़ने की कवायद में लग गए हैं. लोहियावादी नेताओं और चरण सिंह के वारिसों को जोड़ा जा रहा है.

इन्हें सपा के रजत जयंती समारोह का न्योता दिया जाना है. गुरुवार को शिवपाल यादव ने कहा, 'हम सभी लोहियावादी और चरणसिंहवादी नेताओं से बात करेंगे. हमारी कोशिश होगी कि सांप्रदायिक ताकतों को आगे ना बढ़ने दिया जाए. इस रणनीति के तहत बुधवार शाम शिवपाल यादव पहले जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी से मिले और फिर रात में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव से.

मुलाकात के बाद केसी त्यागी ने कहा, 'शिवपाल ने नीतीश कुमार से बात की है. हम चाहेंगे कि बिहार की तर्ज पर समान विचारधारा वाले नेता साथ आएं. मुझे खुशी है कि मुलायम परिवार के अंदर से गठजोड़ की बात उठ रही है. अगर बातचीत होती है तो हम इस दिशा में सकरात्मक कदम आगे बढ़ाने को तैयार हैं.'

अब शुक्रवार सुबह शिवपाल अजित सिंह से मिल रहे हैं. अजित सिंह के करीबी सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है कि वो चुनावी गठजोड़ की संभावनाओं पर सपा के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं. परिवार में मचे घमासान के बीच मुलायम सिंह ने RLD नेता अजित सिंह और जेडी-यू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ गठजोड़ की संभावना तलाशना शुरू कर दिया है.

इस दिशा में 5 नवंबर को सपा के रजत जयंती कार्यक्रम को मुलायाम एक बड़े राजनीतिक मंच के तौर पर इस्तेमाल करना चाहते हैं. बिहार चुनाव से पहले जब महागठबंधन बनाने की कोशिश चली थी, तब मुलायम ने उसमें पलीता लगाया था. अब वो फिर सबको जोड़ने की कोशिश में हैं- ऐसे समय, जब सबसे बड़ी चुनौती उन्हें घर के भीतर से मिल रही है. जाहिर है, गठबंधन तब बनेगा, जब पार्टी एक दिखेगी.


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