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This Article is From Feb 09, 2018

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्‍य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा

लोकसभा स्‍पीकर सुमित्रा महाजन ने इन सांसदों को वापस अपनी सीट पर जाकर बैठने का आग्रह किया लेकिन वे सांसद नहीं माने. महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी द्वारा सदन में पहले प्रश्न का जवाब देने के दौरान भी सांसदों ने नारेबाजी की.

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्‍य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्‍य का दर्जा दिए जाने मांग को लेकर संसद में जमकर हंगामा (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली: एनडीए की सहयोगी पार्टी टीडीपी अभी शांत नहीं हुई है. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्‍य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर वहां के सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा किया. लोकसभा में जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तेलुगू देशम पार्टी और युवाजन श्रमिक राइथु (वाईएसआर) कांग्रेस के सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के आसन के पास पहुंचकर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे. लोकसभा स्‍पीकर सुमित्रा महाजन ने इन सांसदों को वापस अपनी सीट पर जाकर बैठने का आग्रह किया लेकिन वे सांसद नहीं माने. महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी द्वारा सदन में पहले प्रश्न का जवाब देने के दौरान भी सांसदों ने नारेबाजी किया. लोकसभा स्‍पीकार के बार-बार आग्रह करने पर भी जब सांसद नहीं माने तो सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

उधर राज्यसभा में भी आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर जमकर हंगामा हुआ. सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, सभापति एम.वेंकैया नायडू ने सांसदों को शून्यकाल में मुद्दे उठाने को कहा लेकिन इसी बीच आंध्र प्रदेश के सांसद सभापति के नजदीक आ गए और नारेबाजी करने लगे. नायडू ने सदस्यों से अपनी-अपनी सीटों पर जाने का आग्रह किया लेकिन उनका विरोध जारी रहा. सभापति का कहना था कि मैं इस तरह सदन का संचालन नहीं कर सकता. शून्यकाल और विरोधों को एक साथ जारी नहीं रख सकता. यह तरीका नहीं है. इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

बजट में आंध्र प्रदेश को उचित फंड नहीं मिलने से नाराज टीडीपी ने कुछ दिन पहले ही संसदीय बोर्ड की बैठक की. उसके बाद यह बताया गया कि बजट के मसले को अगले कुछ दिन में सुलझा लिया जाएगा. लेकिन, यह मामला अभी तक नहीं सुलझा. इस बीच सरकार की ओर से इस मसले पर विचार करने के संकेत मिले. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने टीडीपी मुखिया चंद्रबाबू नायडू को फोन कर गुजारिश की थी कि संसदीय बैठक में कोई कड़ा फैसला न लें. बीजेपी के अध्‍यक्ष अमित शाह ने भी इस मुद्दे पर संयम से काम लेने का आग्रह किया था.

इससे पहले खबर आई थी कि टीडीपी बजट में आंध्र प्रदेश को फ़ंड नहीं मिलने से नाराज़ है और हो सकता है कि वह अपनी राह अलग कर ले. उधर विपक्षी पार्टियां भी चंद्रबाबू नायडू को साथ आने के कयास लगा रहे थे. हालांकि टीडीपी की संसदीय बोर्ड की बैठक में इस पर कोई फैसला नहीं हुआ था. इससे पहले टीडीपी के सांसद टीजी वेंकटेश ने बजट के बाद से ही बीजेपी के ख़िलाफ़ 'युद्ध' छेड़ने की घोषणा कर दी थी. उन्होंने कहा था कि वे इस्तीफ़ा देने को तैयार हैं. टीडीपी सांसद रायपति संबाशिव राव ने कहा था कि बजट में उनके लिए कुछ भी नहीं है. अगर हमारे लिए कुछ नहीं किया जाता है तो हम एनडीए से बाहर हो जाएंगे.

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केंद्र और राज्य में बीजेपी-टीडीपी एक साथ हैं. लोकसभा में टीडीपी के 16 सांसद हैं. वहीं आंध्र प्रदेश विधानसभा में बीजेपी के चार सांसद हैं. इससे पहले बजट को लेकर शिवसेना ने भी नाराजगी जाहिर की है. हालांकि शिवसेना पहले ही ये ऐलान कर चुकी है कि वह अगला चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर नहीं लड़ेगी.

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