यूपी-बिहार उपचुनाव : योगी के गढ़ में लगी सेंध, फूलपुर और अररिया में भी बड़े अंतर से हारी बीजेपी

उपचुनाव में गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटें समाजवादी पार्टी ने बीजेपी से छीनीं, अररिया में आरजेडी का कब्जा बरकरार

यूपी-बिहार उपचुनाव : योगी के गढ़ में लगी सेंध, फूलपुर और अररिया में भी बड़े अंतर से हारी बीजेपी

यूपी और बिहार के लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों के परिणामों ने बीजेपी को करारा झटका दिया है.

खास बातें

  • जहानाबाद विधानसभा सीट आरजेडी ने जीती
  • बीजेपी की झोली में सिर्फ भभुआ विधानसभा सीट
  • बिहार में सत्ताधारी जेडीयू को करना पड़ा हार का सामना
नई दिल्ली:

समाजवादी पार्टी (सपा) ने उत्तर प्रदेश में और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने बिहार में बीजेपी और उसके एनडीए के सहयोगी दल जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) को जोरदार झटका दिया. लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के बुधवार को आए नतीजों ने बीजेपी की अति आत्मविश्वास की तंद्रा भंग कर दी है. यह नतीजे बीजेपी की त्रिपुरा में ऐतिहासिक जीत और पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में सरकार के गठन का उत्साह ठंडा कर देने वाले हैं.     

सपा ने भाजपा को करारा झटका देते हुए गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की. बिहार में अररिया लोकसभा सीट और जहानाबाद विधानसभा सीट आरजेडी नेजीत ली हैं. बीजेपी की झोली में सिर्फ भभुआ विधानसभा सीट आई है.

यूपी में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ हुआ तालमेल और राष्ट्रीय लोकदल, निषाद पार्टी व पीस पार्टी समेत कई दलों से मिला समर्थन सपा के लिए फायदेमंद साबित हुआ. इन दोनों सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई. इन परिणामों ने बीजेपी को इस गठजोड़ से निपटने के लिए नए सिरे से रणनीति बनाने पर मजबूर कर दिया है.

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गोरखपुर सीट पर सपा के प्रवीण निषाद ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के उपेंद्रदत्त शुक्ला को 21 हजार 881 मतों से हराया. निषाद को चार लाख 56 हजार 513 वोट मिले जबकि बीजेपी उम्मीदवार को चार लाख 34 हजार 632 वोट प्राप्त हुए. कांग्रेस की सुरहिता करीम को 18 हजार 844 वोट मिले.

फूलपुर लोकसभा सीट पर सपा के नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के कौशलेंद्र सिंह पटेल को 59 हजार 460 वोटों से हरा दिया. इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी अतीक अहमद 48 हजार 94 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे. कांग्रेस प्रत्याशी मनीष मिश्र को मात्र 19 हजार 353 मत मिले.

गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में जीत के साथ ही लोकसभा में सपा के सांसदों की संख्या बढ़कर सात हो गई है. गोरखपुर सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के और फूलपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के विधान परिषद की सदस्यता ग्रहण करने के बाद दिए गए त्यागपत्र के कारण रिक्त हुई थी.

गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के लिए मतदान 11 मार्च को हुआ था. इन दोनों सीटों पर क्रमशः 47.75 प्रतिशत और 37.39 फीसदी मतदान हुआ था. गोरखपुर सीट के लिए 10 तथा फूलपुर सीट पर 22 उम्मीदवार मैदान में थे.

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि जब इन दोनों सीटों के उपचुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित हुए थे, तब सपा, बसपा और कांग्रेस समेत सभी अलग-अलग थे, लेकिन चुनाव के बीच में सपा-बसपा के बीच जो आपसी सौदेबाजी और बेमेल गठबंधन हुआ उसको समझने में कहीं न कहीं कमी रही और अति आत्मविश्वास उसका कारण है. हम इसकी समीक्षा जरूर करेंगे.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से कहा कि उपचुनाव परिणाम केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ ‘जनादेश‘ है. गोरखपुर सीएम योगी का क्षेत्र हैं जबकि फूलपुर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का क्षेत्र है. अगर उन क्षेत्रों की जनता में इतनी नाराजगी है तो सोचिए आने वाले समय में देश के चुनाव में क्या होगा. सपा प्रमुख ने दावा किया कि अगर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के बजाय मतपत्रों से मतदान होता तो बीजेपी लाखों वोट से हारती.

निषाद पार्टी के अध्यक्ष और सपा प्रत्याशी प्रवीण के पिता संजय निषाद ने जीत के बाद कहा, ‘‘यह न ही योगी आदित्यनाथ की हार है और न ही गोरखनाथ मठ की. हम सब गोरखनाथ मठ और नाथ सम्प्रदाय के संस्थापक मछेन्दर नाथ का सम्मान करते हैं. मेरा मानना है कि जनता ने बीजेपी की नोटबंदी और जीएसटी की नीतियों के खिलाफ मतदान किया.‘‘ उन्होंने कहा कि यह हार केंद्र की नरेंद्र मोदी की पराजय और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में किए गए विकास कार्यों और उनकी अच्छी नीतियों की जीत है.

फूलपुर के पूर्व सांसद और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद नहीं थी कि बसपा का वोट इस तरह से सपा की तरफ ट्रांसफर हो जाएगा. हम विश्लेषण करेंगे और हम ऐसी परिस्थितियों के लिए भी तैयारी करेंगे, जबकि सपा-बसपा और कांग्रेस साथ मिलकर लड़ सकते हैं.’’

एक तरफ जहां बिहार में बीजेपी को झटका लगा वहीं बिहार में भी उसे और उसके सहयोगी दल जेडीयू को हार का सामना करना पड़ा. उपचुनाव में अररिया लोकसभा सीट और जहानाबाद विधानसभा सीट आरजेडी की झोली में चली गई. भभुआ विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार ने जीत हासिल की. अररिया से आरजेडी प्रत्याशी सरफराज आलम ने बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप सिंह को 61788 मतों से पराजित कर दिया. सरफराज को 509334 मत प्राप्त हुए और प्रदीप सिंह ने 447546 वोट हासिल किए.

जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र में राजद प्रत्याशी कुमार कृष्ण मोहन उर्फ सुदय यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी जेडीयू के उम्मीदवार अभिराम शर्मा को 35333 मतों से हराया. यादव को 76598 मत प्राप्त हुए वहीं शर्मा को 41265 मत हासिल हुए. भाकपा माले की उम्मीवार कुंती देवी 8498 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं.

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भभुआ विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी रिंकी रानी पांडेय ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के उम्मीदवार शंभू पटेल को 14866 मतों से परास्त कर दिया. रिंकी को 64413 मत मिले वहीं पटेल को 49547 मत मिले, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार धर्मेंद्र सिंह 3690 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे. अररिया में सात उम्मीदवार, जहानाबाद में 14 उम्मीदवार तथा भभुआ में 17 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे.
(इनपुट एजेंसियों से भी)


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