उन्नाव में दो दलित लड़कियों (Unnao Dalit Girls Death) के संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस ने गुरुवार को अज्ञात हमलावरों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया. इन्हीं के साथ मिली एक और लड़की को गंभीर हालत में कानपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जिसका हालत अब स्थिर बताई जा रही. उसका बयान बेहद अहम साबित हो सकता है. रिजेंसी अस्पताल के पीआरओ डॉ पराजीत अरोड़ा ने कहा कि बच्ची की हालत में थोड़ा सुधार है. उसकी हालत स्थिर है. डॉक्टर वेंटिलेटर सपोर्ट कम करने की कोशिश कर रहे हैं. लड़की हाथ-पैर हिला रही है, लेकिन जब तक वेंटिलेटर सपोर्ट पूरी तरह नहीं हट जाएगा, कुछ भी पुख्ता रूप से कहना संभव नहीं है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किंग जॉर्ज यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट डॉक्टर की टीम कानपुर के रिजेंसी अस्पताल भेजी है.
बता दें कि डीजीपी के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Postmortem Report) में मृत लड़कियों के शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं पाई गई है.पीड़िताओं के पिता ने कहा कि जब लड़कियों को खेत में पाया गया तो उनके गले में दुपट्टा था और उनके मुंह से सूखा झाग निकल रहा था.
बच्चियों की भाभी का कहना है कि जब बहुत देर हो गयी और लड़कियां नहीं आईं तो उन्होंने घर के लोगों से कहा कि आज कितना चारा काट रही हैं कि तीन-चार घंटे से लौटीं ही नहीं. इनमें से एक बच्ची रौशनी के भाई का कहना है कि उन्हें जब बच्चियों के वापस नहीं आने की खबर मिली तो वह घर वालों के साथ उन्हें ढूंढने गए तो तीनों बेसुध एक खेत में आपस में बंधी हुई मिलीं.
घटना की सूचना पर बच्चियों को फौरन इलाके के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि दो लड़कियों की मौत हो चुकी है, जबकि तीसरी ज़िंदा थी लेकिन उसकी हालत गंभीर होने की वजह से उसे बेहतर इलाज के लिए कानपुर रेफर किया गया है.
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