आधार से जुड़ी सेवाओं के लिए शुल्क लेने वाली अवैध एजेंसियों पर साधा गया निशाना. (फाइल फोटो)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                नई दिल्ली: 
                                        आधार से जुड़ी सेवाओं की पेशकश करने और जनता से इसके लिए काफी शुल्क लेने वाली अवैध एजेंसियों पर शिकंजा कसते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने इस तरह की सेवाएं देने वाली 12 वेबसाइट और गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध इस प्रकार की 12 मोबाइल एप को बंद कर दिया. यूआईडीएआई ने इस तरह की 26 और अवैध वेबसाइट एवं मोबाइल एप्लिकेशंस को बंद करने के लिए एजेंसियों को निर्देश दिए हैं. यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा, ''कुछ वेबसाइटें और मोबाइल एप यह कहकर नागरिकों से उनका आधार नंबर और मूलभूत जानकारी हासिल कर रहे हैं कि उन्हें आधार कार्ड और इससे जुड़ी सेवायें उपलब्ध कराई जायेंगी. हमने उनके खिलाफ कड़ा कदम उठाया है.''
उन्होंने कहा कि यूआईडीएआई इस तरह की बिना किसी अनुमति के चलने वाली वेबसाइटों को नहीं बख्शेगा, ''हम इस तरह की वेबसाइट और मोबाइल एप पर लगातार नजर रखेंगे और यदि हमारे नोटिस में कुछ आता है तो हम तुरंत कार्रवाई करेंगे. हम उन्हें बंद करेंगे अथवा अन्य कड़े उपाय करेंगे.'' वर्तमान में आधार से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी के भी साथ आधार कानून 2016 के अनुरूप दी गई प्रक्रिया के तहत ही साझा की जा सकती है. इसका कोई भी उल्लंघन किया जाना कानून की धारा 38 और अध्याय छह के तहत दंडनीय है.
इसके साथ ही पांडे ने एक वक्तव्य में कहा,''यूआईडीएआई ने इन मोबाइल एप और वेबसाइट के मालिकों को किसी को भी उसकी तरफ से कोई भी आधार से जुड़ी सेवायें देने के लिये प्राधिकृत नहीं किया है.''
(एजेंसी भाषा से भी इनपुट)
                                                                        
                                    
                                उन्होंने कहा कि यूआईडीएआई इस तरह की बिना किसी अनुमति के चलने वाली वेबसाइटों को नहीं बख्शेगा, ''हम इस तरह की वेबसाइट और मोबाइल एप पर लगातार नजर रखेंगे और यदि हमारे नोटिस में कुछ आता है तो हम तुरंत कार्रवाई करेंगे. हम उन्हें बंद करेंगे अथवा अन्य कड़े उपाय करेंगे.'' वर्तमान में आधार से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी के भी साथ आधार कानून 2016 के अनुरूप दी गई प्रक्रिया के तहत ही साझा की जा सकती है. इसका कोई भी उल्लंघन किया जाना कानून की धारा 38 और अध्याय छह के तहत दंडनीय है.
इसके साथ ही पांडे ने एक वक्तव्य में कहा,''यूआईडीएआई ने इन मोबाइल एप और वेबसाइट के मालिकों को किसी को भी उसकी तरफ से कोई भी आधार से जुड़ी सेवायें देने के लिये प्राधिकृत नहीं किया है.''
(एजेंसी भाषा से भी इनपुट)
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