
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए ज्यादा संख्या में इकट्ठा होने से बचें. साथ ही यूजीसी ने सलाह दी है कि जिन कर्मचारियों और छात्रों ने घातक विषाणु से प्रभावित देशों की यात्रा की है उन्हें 14 दिनों के लिए घर में पृथक रखा जाए. यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘परिसर में ज्यादा संख्या में इकट्ठा होने से बचें. कोई भी छात्र या कर्मचारी जिसने कोविड- 19 से प्रभावित देशों की यात्रा की है या पिछले 28 दिनों से ऐसे लोगों के साथ संपर्क में है, उसकी निगरानी की जानी चाहिए और 14 दिनों के लिए घर में पृथक रखा जाना चाहिए.'' भारत में शुक्रवार को कोरोना वायरस के पुष्ट मामलों की संख्या 31 हो गई.
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वहीं भारत में भी जानलेवा कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने अपने सभी मंत्रालयों और विभागों में कर्मचारियों के बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर तत्काल रोक लगा दी है. यह रोक 31 मार्च तक जारी रहेगी. सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि 'हालांकि हमारे देश में कोरोना वायरस के कुछ ही मामले सामने अए हैं लेकिन वायरस की प्रकृति को देखते हुए यह आवश्यक है कि इसके फैलाव को रोकने के लिए सभी एहतियाती उपाय किए जाएं.
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ऐसा पाया गया है कि इस वायरस के फैलने का सबसे आम तरीका है किसी संक्रमित चीज को छूना. इसलिए यह वांछनीय है कि ऐसी चीजों को न छुआ जाए जो कि किसी और के छूने की वजह से संक्रमित हो सकते हैं. ये देखते हुए सभी मंत्रालयों/विभागों को निवेदन है कि वो अपेन कर्मचारियों को बायोमेट्रिक अटेंडेंस से 31 मार्च 2020 तक छूट दें. हालांकि सभी कर्मचारियों को रजिस्टर में अपनी अटेंडेंस दर्ज करनी होगी जैसा कि बायोमेट्रिक सिस्टम के शुरू होने से पहले हुआ करता था.
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