मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने शुक्रवार को सरकार पर आरोप लगाया कि उसने पूर्व नियोजित योजना के तहत राज्यसभा में लोकपाल विधेयक पर चर्चा के दौरान हंगामा खड़ा कराया। येचुरी ने कहा कि सरकार के इस कार्य में तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने उसका साथ दिया।
माकपा नेता ने कहा कि गुरुवार रात जारी चर्चा के दौरान सदन की कार्यवाही बाधित करने की सरकार की रणनीति में तृणमूल एवं राजद ने भूमिका निभाई।
येचुरी ने कहा, "संघवाद के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस के विरोध में अचानक आई आक्रामकता काफी हैरान करने वाली है क्योंकि दो दिन पहले लोकसभा में उसने इस मुद्दे को लेकर कोई आपत्ति नहीं की थी।"
उन्होंने कहा, "कुछ दिनों पहले जब केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक को मंजूरी दी गई और जब इसे संसद के समक्ष पेश किया जाना था, उस समय तृणमूल कांग्रेस ने इन आपत्तियों को नहीं उठाया।"
येचुरी ने कहा, "सरकार अब कई तरह के बहाने बना रही है। उसका कहना है कि विधेयक में संशोधन के लिए उसे ढेर सारे प्रस्ताव मिले। संसदीय लोकतंत्र में संशोधन पेश करना एक मूलभूत अधिकार है।"
उन्होंने कहा, "सदन में हुए इस पूरे नाटक की योजना यह सुनिश्चित करना था कि सरकार कुछ महत्वपूर्ण संशोधनों जिन्हें विधेयक को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लाया गया था, स्वीकार न करे।"
राज्यसभा में विधेयक पर मतविभाजन न कराने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए येचुरी ने कहा, "हम इसके लिए सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराते हैं। सरकार क्या चाहती है और वह मतविभाजन से बचना क्यों चाहती है इस पर उसे मर्यादा और साहस पूर्वक अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए थी।"
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