भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का दावा करने वाले पीएम की 'मुसीबत' बनीं ये चार देवियां...

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का दावा करने वाले पीएम की 'मुसीबत' बनीं ये चार देवियां...

वर्ष 2014 के आम चुनावों के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी किसी चुनावी रैली या सभा को संबोधित करते थे, तब यह ज़रूर कहते थे, 'न खाऊंगा, ना खाने दूंगा...' उन्होंने यही बात बार-बार देशवासियों से हर ज़ुबान में कही थी कि उनके लिए भ्रष्टाचार सबसे अहम मुद्दा है, लेकिन उनकी सरकार का एक साल पूरा होते-होते उन्हीं के नेताओं पर एक के बाद एक भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं।

वैसे, देखा जाए तो खुद प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार को लेकर कोई अंगुली नहीं उठा सकता, ठीक वैसे ही, जैसे मनमोहन सिंह पर नहीं उठाई जा सकती थी, लेकिन जिस तरह उन्होंने अब सवालों से घिरी अपनी चारों महिला सहयोगियों के मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है, वह कुछ और ही कहानी बयान करती है। आइए जानते हैं, आख़िर क्या है वे मुद्दे...

वसुंधरा राजे
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी से संबंधों को लेकर विवाद पैदा हो गया है। वसुंधरा भले ही ललित मोदी की इमिग्रेशन अर्ज़ी पर दस्तख़त करने को लेकर इनकार करती रही हों, लेकिन उन्होंने इसकी गवाही के लिए जुलाई 2011 में अपना लंदन दौरा चार हफ्तों के लिए बढ़ाया था, और इसी दौरान उन्होंने ललित मोदी की मदद के करने के लिए दस्तावेज़ों पर साइन किए थे।

कहा जा रहा है कि वह उस वक्त बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल की सदस्य थीं, जिसमें नितिन गडकरी और स्मृति ईरानी भी शामिल थे। बाद में वसुंधरा ने ललित मोदी से जुड़े कागज़ात और एफिडेविट में साइन करने के लिए अपना दौरा एक महीना बढ़ा लिया था। वसुंधरा ने राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष रहते हुए भी ललित मोदी के पक्ष में एफिडेविट दिया था, जिसे साल 2011 में ब्रिटेन की कोर्ट में ललित मोदी के पक्ष में पेश किया गया। इस दौरान ललित मोदी भारत में एक वांछित अपराधी थे।

सुषमा स्वराज
केंद्रीय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज पर भी पूर्व आईपीएल कमिश्नर और व्यवसायी ललित मोदी को कुछ अहम ट्रैवल डॉक्यूमेंट दिलाने में मदद करने के आरोप लगे हैं। सुषमा स्वराज पर आरोप है कि उन्होंने ललित मोदी को ब्रिटेन से पुर्तगाल जाने के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ उपलब्ध कराने के लिए सिफारिश की थी।

हालांकि सुषमा ने खुद ट्वीट कर सफाई में कहा कि उन्होंने ललित मोदी की मदद कैंसर से पीड़ित उनकी पत्नी का इलाज कराने के लिए पुर्तगाल जाने के लिए मानवीय आधार पर की थी, लेकिन तब तक ललित मोदी भारत में एक वांछित अपराधी थे और उन पर प्रवर्तन निदेशालय ने वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए थे, जिन पर सुनवाई के लिए ललित आज तक ब्रिटेन से भारत नहीं लौटे हैं।

पंकजा मुंडे
महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार में महिला एवं बाल कल्याण विभाग की मंत्री पंकजा मुंडे पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के बड़े बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे पर महाराष्ट्र में एकात्मिक बाल विकास सेवा योजना के तहत 206 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है।

पंकजा मुंडे ने एक दिन में 24 सरकारी आदेश जारी किए, जिनके तहत 206 करोड़ रुपये की वस्तुएं खरीदी गईं। यह खरीदारी सरकारी प्रक्रिया के अनुसार नहीं हुई और इसमें कुछ संस्थाओं को विशेष फायदा दिया गया। इसमें 80 करोड़ रुपये की चिक्की की खरीद सबसे ज्यादा आपत्तिजनक है। पूरा विवाद सामने आने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, पंकजा के समर्थन में आगे आए हैं।

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स्मृति ईरानी
मोदी कैबिनेट की सबसे तेज़तर्रार मंत्रियों में से एक शिक्षामंत्री स्मृति ईरानी पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं। उन पर चुनाव आयोग को दिए गए अपने हलफनामे में अपनी शैक्षिक योग्यता को लेकर गलत जानकारी देने और फर्ज़ी सर्टिफिकेट जमा कराने के आरोप हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गई है और स्मृति ईरानी की कानूनी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तारीख़ तय कर दी है।