
भारत के ख़िलाफ़ पाकिस्तान ने एक ज़हरीली साज़िश रची है. सतलुज नदी में चमड़े के कारख़ानों का ज़हरीला बदबूदार रसायन और कचरा छोड़कर पाकिस्तान उसके पानी को दूषित कर रहा है जिससे पंजाब के सरहदी गांवों में लोग बीमार पड़ रहे हैं इतना ही नहीं मवेशियों की भी मौत हो चुकी है जबकि फसलों का भी भारी नुकसान हो रहा है. भारत से पाकिस्तान की तरफ़ कुछ दूर तक बहने के दौरान पाकिस्तान के कसूर ज़िले में सतलुज को दूषित किया जा रहा है. आपको बता दें कि बाढ़ की वजह से सतलुज का पानी भारत के पंजाब के कुछ हिस्से से होकर पाकिस्तान में दाखिल हो कर वापस पंजाब और हिंदुस्तान में प्रवेश करता है. लेकिन जैसे ही सतलुज का पानी पाकिस्तान में प्रवेश करता है तो चमड़ा फ़ैक्टरिओं का पानी सतलुज के पानी में मिलाना शुरू कर दिया जाता है ताकि पंजाब के गांवों के लोगों को फसलों के नुकसान के साथ जानमाल का नुकसान भी हो. ग्रामीणों ने बताया की पानी हर साल आता है और उनकी फसलों का नुकसान करता है पर इस बार पानी में कुछ ज्यादा जहरीला और बहुत ही ज्यादा बदबू वाला आ रहा है जो पाकिस्तान की साजिश है. जिसके चलते सरहदी गांवों में रहने वाले मवेशियों की मौत हो चुकी है. साथ ही इंसानो का भी सांस लेना ओर पानी पीना मुश्किल बना हुआ है.
रेतेवाली भैणी गांव के रहने वाले गुरदीप सिंह , रांझा सिंह, देस सिंह और सतनाम सिंह ने यहां का हाल बताया है. उनका कहना है कि हर साल बाढ़ का समाना करना पड़ता है और सालों से उनकी फसल बर्बाद होती रही है. लेकिन इस बार पाकिस्तान की तरफ से बाढ़ की आड़ में सतलुज दरिया में जहरीला पानी भी छोड़ा जा रहा है क्योंकि ये दरिया हिंदुस्तान से पाकिस्तान के कसूर जिले में हो कर फिर हिंदुस्तान में वापस आता है.
वही जब इस मामले में फाजिल्का जिले के एस डीएम सुभाष खटक से बात की तो उन्होंने बताया की भाखड़ा डैम से छोड़ा गया पानी हुसैनीवाला से होते हुए पाकिस्तान के कसूर जिले से फाजिल्का के जलालाबाद में प्रवेश कर फिर भारत में दाखिल हो जाता है और फिर पाकिस्तान में जाकर फाजिल्का ने सीमावर्ती गांव मुहर जमशेर में प्रवेश करता है. साथ ही उन्होंने बताया कि फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर ने भी पानी में जहरीले तत्व होने की बात की थी और अब फाजिल्का के सीमावर्ती गांवों में भी जहरीले पानी आने का मामला सामने आया है और प्रशासन ने तुरंत जांच के आदेश दे दिए है ताकि यह जहरीला पानी आने वाले दिनों में इंसानों और मवेशियों के लिए खतरा न बने.
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