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This Article is From Oct 07, 2016

पति को मां-बाप से अलग रहने के लिए मजबूर करना अत्याचार और तलाक का आधार : सुप्रीम कोर्ट

पति को मां-बाप से अलग रहने के लिए मजबूर करना अत्याचार और तलाक का आधार : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: पति को उसके मां-बाप से अलग रहने के लिए मजबूर करना अत्याचार है और यह तलाक का आधार हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने पत्नी द्वारा सुसाइड की धमकी देने को भी अत्याचार मानते हुए उसे भी तलाक का आधार करार दिया है.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बार-बार खुदकुशी की धमकी देना भी अत्याचार माना जाएगा. कोर्ट ने इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के एक आदेश को रद्द करते हुए फैसला सुनाया है.

कर्नाटक हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को रद्द कर दिया था, जिसमें निचली अदालत ने बार-बार खुदकुशी की धमकी देने को अत्याचार मानते हुए तलाक की इजाजत दे दी थी.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि पति को अगर पत्नी बार-बार सुसाइड करने की धमकी दे तो ऐसे हालात में वह सुकून महसूस नहीं कर सकता. अगर पत्नी आत्महत्या कर लेती है तो पति की पूरी जिंदगी तबाह हो सकती है.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि साधारण परिस्थिति में पत्नी शादी के बाद पति के परिवार के साथ रहती है. अगर पत्नी अलग रहने को कहती है तो उसका कोई ठोस कारण होना चाहिए.

कोर्ट ने कहा कि पत्नी की यह जिद निराधार है कि वह अपने पति के साथ अकेले रहना चाहती है. अगर पत्नी ऐसा करती है तो उसे अत्याचार माना जाएगा और यह तलाक का आधार होगा.

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सुप्रीम कोर्ट, तलाक, पत्नी की धमकी, Supreme Court, Divorce