
सुप्रीम कोर्ट
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कोर्ट ने कहा कि मामले का निपटारा पहले ही किया जा चुका है
याचिकाकर्ता ने खुद को दिए गए मुआवजे को चुनौती दी थी
यह मुआवजा जमीन अधिग्रहीत किए जाने के बदले दिया गया
पीठ ने कहा ‘‘उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश इस मुद्दे का निपटारा कर चुके हैं. यह कानून का दुरुपयोग है. यह क्या हो रहा है. हम आप पर उतना जुर्माना लगाएंगे जिसे इस देश के लोग याद रखेंगे.’’ इससे पहले याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी अपील गलत तरीके से खारिज कर दी.
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वर्ष 2005 से 2010 के बीच सुनियोजित औद्योगिक विकास के नाम पर कई गांवों के किसानों की कृषि और ‘रिहायशी भूमि का बड़े पैमाने पर अधिग्रहण किया गया था. पीठ ने कहा कि एक बार मामले पर उच्चतम न्यायालय द्वारा फैसला दिया जा चुका है फिर इसे बार बार नहीं उठाया जा सकता. पहले पीठ 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाना चाहती थी. तब वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल एक गरीब किसान है और भारी मुआवजा नहीं दिया जा सकता.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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