
गूगल सीईओ सुंदर पिचाई (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में एक स्कूल के छात्र से लेकर टीचर तक सभी आज बेहद खुश हैं। इस स्कूल का नाम है वनवाणी मैट्रिकुलेशन हायर स्कूल। इन सब की खुशी का राज हैं गूगल के नए सीईओ सुंदर पिचाई। जी हां, दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई इसी स्कूल से पढ़े हैं।
सुंदर पिचाई को गूगल का सीईओ बनाए जाने की खबर सोमवार रात से ही सोशल मीडिया पर छाई हुई है, लेकिन मंगलवार को स्कूल की प्रिंसिपल कावेरी पद्मनाभन ने मॉर्निंग एसेंबली में छात्र-छात्राओं को ये खबर दी। प्रिंसिपल ने बच्चों से कहा, अगर वे भी अपने इस सीनियर की तरह मेहनत करें तो उन्हें भी ऐसी ही कामयाबी मिल सकती है।
वनवाणी स्कूल आईआईटी चेन्नई कैंपस के हरे भरे इलाके में स्थित है। इस स्कूल के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे चेन्नई और भारत के लिए ये गर्व की बात है कि उसका अपना एक लड़का गूगल का सीईओ बना है। देखा जाए तो आज दुनियाभर में भारतीय मूल के लोगों का बोलबाला है। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला, पेप्सिको की सीईओ इंदिरा नूई और सॉफ्टबैंक के सीओओ निकेश अरोड़ा भी भारतीय ही हैं।
बीबीसी हिन्दी वेबसाइट ने स्थानीय पत्रकार केवी लक्ष्मण से बातचीत पर आधारित एक रिपोर्ट छापी है। इस रिपोर्ट में पद्मनाभन कहती हैं कि निजी तौर पर उन्हें और स्कूल के सभी कर्मचारियों को इस बात पर गर्व है कि पिचाई की इस कामयाबी में थोड़ा ही सही, लेकिन उनका भी कुछ योगदान है। वो कहती हैं, 'हम उन्हें स्कूल में आमंत्रित करना चाहेंगे और ये भी चाहेंगे कि वो हमारे छात्रों से बात करें, जो उनसे और अधिक प्रेरित होंगे।'
'हिंदुस्तान टाइम्स' से बातचीत में उन्होंने कहा, 'जो भी शानदार काम उन्होंने किया और ज़बरदस्त कामयाबी पाई है, वो हमारे लिए (स्कूल के तौर पर) एक बेहद सम्मान की बात है कि हमने इसमें योगदान दिया, भले ही ये योगदान थोड़ा ही हो।'
वो कहती हैं, 'हां, हम इस ख़बर और इस पल का जश्न मना रहे हैं और बच्चे बहुत ख़ुश हैं। हमसे इस बारे में और ज़्यादा जानना चाहते हैं।'
पट्टु सुब्रमण्यम इसी स्कूल में सुंदर पिचाई से दो साल सीनियर थे। वो याद करते हैं कि सुंदर कैसे मेहनती, पढ़ाकू और किताबों में डूबे रहते थे। उनके मुताबिक सुंदर के चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान रहती थी, लेकिन वो एक तरह से किताबी कीड़ा थे।
इस समय चेन्नई में बीएमडब्ल्यू के प्लांट में लॉजिस्टिक्स के प्रमुख के तौर पर काम कर रहे पट्टु सुब्रमण्यम कहते हैं, 'एक बार मैं उनसे पेन्सिलवेनिया में मिला था। लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि ये शर्मीला सा लड़का कभी इतना बड़ा आदमी बनेगा।'
वो कहते हैं, 'इतनी बड़ी वैश्विक कंपनी का नेतृत्व करना बहुत ही सम्मान और गर्व की बात है कि हमारे बीच से ही एक लड़का यहां पहुंच पाया है।'
मुरुगावेल सेलवन भी स्कूल में सुंदर से दो क्लास आगे थे। वो ख़ुद भी इस समय एक आईटी उद्यमी हैं। वो कहते हैं कि पिचाई के बारे में उन्होंने अलग-अलग संदर्भों में बहुत कुछ सुना है।
वो कहते हैं, 'अपने माता-पिता को समर्पित पिचाई ने उनका और हम सबका मान बढ़ाया है।' सेलवन बताते हैं कि हाल ही में सुंदर पिचाई ने चेन्नई में अपने माता-पिता के लिए एक सुपर लग्जरी फ्लैट ख़रीदा है, जिसकी कीमत चार से पांच करोड़ रुपये के बीच है।
वो बताते हैं कि पिचाई का गूगल प्रमुख बनना हमारे लिए, वनवाणी स्कूल और सभी के लिए बहुत ही प्रेरणादायी बात है। सेलवन का कहना है कि उनकी कामयाबी दिखाती है कि भले ही आपकी पृष्ठभूमि कुछ भी रही हो, लेकिन अगर आप अपने किसी लक्ष्य की दिशा में मेहनत करें तो सफलता निश्चित है।
सुंदर पिचाई को गूगल का सीईओ बनाए जाने की खबर सोमवार रात से ही सोशल मीडिया पर छाई हुई है, लेकिन मंगलवार को स्कूल की प्रिंसिपल कावेरी पद्मनाभन ने मॉर्निंग एसेंबली में छात्र-छात्राओं को ये खबर दी। प्रिंसिपल ने बच्चों से कहा, अगर वे भी अपने इस सीनियर की तरह मेहनत करें तो उन्हें भी ऐसी ही कामयाबी मिल सकती है।
वनवाणी स्कूल आईआईटी चेन्नई कैंपस के हरे भरे इलाके में स्थित है। इस स्कूल के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे चेन्नई और भारत के लिए ये गर्व की बात है कि उसका अपना एक लड़का गूगल का सीईओ बना है। देखा जाए तो आज दुनियाभर में भारतीय मूल के लोगों का बोलबाला है। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला, पेप्सिको की सीईओ इंदिरा नूई और सॉफ्टबैंक के सीओओ निकेश अरोड़ा भी भारतीय ही हैं।

'हिंदुस्तान टाइम्स' से बातचीत में उन्होंने कहा, 'जो भी शानदार काम उन्होंने किया और ज़बरदस्त कामयाबी पाई है, वो हमारे लिए (स्कूल के तौर पर) एक बेहद सम्मान की बात है कि हमने इसमें योगदान दिया, भले ही ये योगदान थोड़ा ही हो।'
वो कहती हैं, 'हां, हम इस ख़बर और इस पल का जश्न मना रहे हैं और बच्चे बहुत ख़ुश हैं। हमसे इस बारे में और ज़्यादा जानना चाहते हैं।'
पट्टु सुब्रमण्यम इसी स्कूल में सुंदर पिचाई से दो साल सीनियर थे। वो याद करते हैं कि सुंदर कैसे मेहनती, पढ़ाकू और किताबों में डूबे रहते थे। उनके मुताबिक सुंदर के चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान रहती थी, लेकिन वो एक तरह से किताबी कीड़ा थे।

वो कहते हैं, 'इतनी बड़ी वैश्विक कंपनी का नेतृत्व करना बहुत ही सम्मान और गर्व की बात है कि हमारे बीच से ही एक लड़का यहां पहुंच पाया है।'
मुरुगावेल सेलवन भी स्कूल में सुंदर से दो क्लास आगे थे। वो ख़ुद भी इस समय एक आईटी उद्यमी हैं। वो कहते हैं कि पिचाई के बारे में उन्होंने अलग-अलग संदर्भों में बहुत कुछ सुना है।
वो कहते हैं, 'अपने माता-पिता को समर्पित पिचाई ने उनका और हम सबका मान बढ़ाया है।' सेलवन बताते हैं कि हाल ही में सुंदर पिचाई ने चेन्नई में अपने माता-पिता के लिए एक सुपर लग्जरी फ्लैट ख़रीदा है, जिसकी कीमत चार से पांच करोड़ रुपये के बीच है।
वो बताते हैं कि पिचाई का गूगल प्रमुख बनना हमारे लिए, वनवाणी स्कूल और सभी के लिए बहुत ही प्रेरणादायी बात है। सेलवन का कहना है कि उनकी कामयाबी दिखाती है कि भले ही आपकी पृष्ठभूमि कुछ भी रही हो, लेकिन अगर आप अपने किसी लक्ष्य की दिशा में मेहनत करें तो सफलता निश्चित है।
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