मॉनसून की स्थिति में मामूली सुधार, लेकिन कई राज्यों में हालात अब भी चिंताजनक

मॉनसून की स्थिति में मामूली सुधार, लेकिन कई राज्यों में हालात अब भी चिंताजनक

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

मॉनसून की स्थिति में पिछले चार दिनों में मामूली सुधार आया है, लेकिन खेती के नज़रिये से अहम कई राज्यों में हालात अब भी चिंताजनक बने हुए हैं। मौसम विभाग की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक पूरे देश में मॉनसून की कमी पिछले चार दिन में 10 फीसदी से घटकर नौ फीसदी हो गई, यानी एक फीसदी का सुधार।

सबसे ज़्यादा गिरावट बिहार में दर्ज़ की गई है, जहां मॉनसून की कमी -32 फीसदी से घटकर -22 फीसदी रह गई है। वहां मौसम विभाग ने इस हफ्ते भारी बारिश का पूर्वानुमान दिया था, जिस वजह से मॉनसून की हालत में सुधार दर्ज हुआ। हालात में कुछ सुधार पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी रिकॉर्ड किया गया, जहां पिछले चार दिन में मॉनसून की कमी -36 फीसदी से घटकर -33 फीसदी हो गई।

आंध्र प्रदेश के रायलसीमा में भी मॉनसून की कमी -38 फीसदी से घटकर -32 फीसदी रह गई है। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में मॉनसून की कमी -48 फीसदी से घटकर -46 फीसदी हो गई, लेकिन दो फीसदी की इस गिरावट के बावजूद इलाके में बारिश की कमी का स्तर इतना ज़्यादा है कि यहां सूखे का खतरा मंडरा रहा है।

लगभग यही हाल उत्तरी कर्नाटक का है, जहां सिर्फ एक फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। इन चार दिनों में उत्तरी कर्नाटक में मॉनसून की कमी -45 फीसदी से घटकर -44 फीसदी हो पाई है।

इनके अलावा, देश में ऐसे भी हिस्से हैं, जहां मॉनसून की डेफिशिएन्सी बढ़ी है। दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मॉनसून की कमी -27 फीसदी से बढ़कर -28 फीसदी हो गई है। यही ट्रेंड पंजाब में भी रिकॉर्ड किया गया है, जहां मॉनसून की कमी -29 फीसदी से बढ़कर -31 फीसदी हो गई। चिंता की बात यह है कि मध्य महाराष्ट्र में मॉनसून की कमी -32 फीसदी से बढ़कर -36 फीसदी हो गई है।

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यानी कुल मिलाकर हालात चिंताजनक बने हुए हैं और अगले दो हफ्ते में अगर कोई सुधार नहीं आया तो मॉनसून की कमी झेल रहे राज्यों / क्षेत्रों में सूखे के हालात उत्पन्न हो सकते हैं।