एनडीटीवी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में शिवसेना सांसद संजय राउत कहा कि उन्होंने कल एक बैठक में राहुल गांधी से कहा था कि उन्हें यूपीए को पुनर्जीवित करना चाहिए. संजय राउत का यह बयान ममता बनर्जी की कांग्रेस से बढ़ती दूरी के बीच आया है. बीते दिनों ममता बनर्जी विपक्षी गठबंधन की कई बैठकों में नदारद रहीं. ममता ने यहां तक कहा कि कांग्रेस में न ही क्षमता है और न ही विपक्ष का नेतृत्व करने वाला दिल है. शिवसेना ने ममता की बातों का खंडन करते हुए कहा कि कांग्रेस के बिना कोई विपक्षी मोर्चा नहीं हो सकता.
राउत ने सुझाव दिया कि वह राहुल गांधी के साथ अपनी बैठक में एक कदम और आगे बढ़े, उनसे यूपीए को पुनर्जीवित करने का आग्रह किया और उन्होंने यह भी संकेत दिया कि शिवसेना इसमें शामिल हो सकती है. शिवसेना महाराष्ट्र में 3 सदस्यीय गठबंधन सरकार का हिस्सा है, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी के साथ.
उन्होंने आज दिल्ली में एक साक्षात्कार में एनडीटीवी से कहा, "हम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में एक मिनी-यूपीए चला रहे हैं. इसलिए हमें केंद्रीय स्तर पर भी इसी तरह की व्यवस्था करनी चाहिए."
यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना यूपीए में शामिल होगी, उन्होंने कहा, "मैंने राहुल गांधी से कहा कि सभी को आमंत्रित करें. लोग अपने से आकर शामिल नहीं होंगे. अगर कोई शादी या समारोह है, तो हमें निमंत्रण भेजना होगा."
राउत ने कहा, 'आमंत्रण आने दीजिए, उसके बाद हम इस पर विचार करेंगे. मैंने यह बात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को बता दी है.'
संजय राउत ने राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा, "जिस तरह से लोग उनके (राहुल) बारे में सोचते हैं वह सही नहीं है. वह (राहुल) भी अच्छा सोचते हैं. उनकी पार्टी में कुछ कमियां (मजबूरियां) हैं. वह उन मुद्दों को हल करना चाहते हैं."
ममता बनर्जी ने कुछ दिनों पहले राहुल गांधी की स्पष्ट रूप से आलोचना करते हुए कहा था, "यदि कोई कुछ नहीं करता है और आधा समय विदेश में है, तो राजनीति कैसे करेगा? राजनीति के लिए निरंतर प्रयास होना चाहिए."
हिंदुत्व से जुड़ी भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना के इस कट्टर-कांग्रेसी रुख ने राजनीतिक पर्यवेक्षकों को हैरान कर दिया है.
संजय राउत ने इस सुझाव को भी खारिज कर दिया कि राहुल गांधी तक उनकी सीधी पहुंच ने राकांपा नेता शरद पवार को अस्थिर कर दिया है. याद दिला दें कि शरद पवार लंबे समय से महाराष्ट्र में सह-शासन करने वाली तीन पार्टियों के बीच वार्ताकार के रूप में काम करते रहे हैं और ममता बनर्जी के समर्थन में भी बोलते रहे हैं.
उन्होंने कहा, "जब मैं राहुल से मिलने जा रहा था, उससे पहले मैंने पवार साहब से बात की थी. आज सुबह (बैठक के एक दिन बाद) मैंने उनसे (पवार) भी बात की."
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