इसके लिए गृह मंत्रालय एक एडवाइज़री जारी कर रहा है, जिसमें स्थानीय पुलिस की मदद से स्कूलों में ड्रिल भी करवाई जाएंगी। एडवाइजरी में स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर उन जगहों के लिए भी लिखे गए हैं, जहां ज्यादा भीड़ रहती है। वैसे, गृह मंत्रालय का यह भी कहना है कि अगले दो महीने तक भारत को हर तरह से अलर्ट रहने की जरूरत है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, "एडवाइज़री में लिखा गया है कि होस्टेज सिचुएशन में क्या करना है, अगर हमला हो तो सभी को सावधान कैसे करना है, और स्कूल के गेट से लेकर बाकी दरवाज़े कब बंद करने हैं, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा बच्चों को बचाया जा सके..."
अधिकारी के मुताबिक, एडवाइज़री में यही सब नहीं है, बल्कि इसमें स्कूलों से भागने के रास्ते, यानि एस्केप रूट्स भी प्लान करने के लिए कहा जाएगा। अधिकारी के अनुसार, यह स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर सभी राज्यों को भेजा जाएगा, जो स्थानीय पुलिस की मदद से स्कूलों को ड्रिल करवाने में मदद करेंगे।
कुछ चुनिंदा स्कूलों को अलग से हिदायत भी दी जाएगी, खासकर, उन स्कूलों को, जिनमें विदेशी राजनयिकों के बच्चे पढ़ते हैं। दरअसल, पेशावर में हमले के दौरान आतंकवदियों ने बच्चों से पूछा कि उनमें से किनके माता-पिता सेना से ताल्लुक रखते हैं, और फिर उन बच्चों को अलग कर उन्हें प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मार दी गई।
वैसे, भारत सरकार ने डेविड कोलमैन हेडली के पकड़े जाने के बाद भी एक स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर की गाइडलाइन राज्यों को भेजी थी, क्योंकि हेडली ने बताया था कि स्कूलों को भी निशाना बनाने की साजिश रची जा रही थी। अब पेशावर के हमले के बाद दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, कोलकाता के स्कूलों को ज़्यादा सचेत रहने के लिए कहा गया है।