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शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा के आत्महत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान

छात्रा की आत्महत्या के बाद यूनिवर्सिटी में तनाव का माहौल है. इसके चलते मंगलवार से शुरू होने वाली तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह कदम छात्रों के बीच उत्पन्न तनाव को देखते हुए उठाया है.

शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा के आत्महत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान
फ़ाइल फोटो
  • सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में बीडीएस छात्रा ज्योति शर्मा की आत्महत्या मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है
  • यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रा की आत्महत्या के बाद बढ़े तनाव के कारण तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं
  • ज्योति शर्मा ने सुसाइड नोट में दो प्रोफेसरों पर मानसिक उत्पीड़न और अपमान का आरोप लगाया था, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है
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नई दिल्ली:

ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में बीडीएस छात्रा ज्योति शर्मा की आत्महत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. कोर्ट ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शिक्षा व्यवस्था में खामियों पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसी गड़बड़ियां छात्रों को आत्महत्या जैसे चरम कदम उठाने के लिए मजबूर कर रही हैं. मामले की अगली सुनवाई अगले सोमवार को निर्धारित की गई है.

परीक्षाएं स्थगित की गईं 

छात्रा की आत्महत्या के बाद यूनिवर्सिटी में तनाव का माहौल है. इसके चलते मंगलवार से शुरू होने वाली तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह कदम छात्रों के बीच उत्पन्न तनाव को देखते हुए उठाया है.

मानसिक उत्पीड़न के आरोप

बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ज्योति शर्मा ने अपने सुसाइड नोट में दो प्रोफेसरों, डॉ. महेंद्र सिंह चौहान और डॉ. शैरी वशिष्ठ, पर मानसिक उत्पीड़न और अपमान का आरोप लगाया था. उसने लिखा, “मैं लंबे समय से डिप्रेशन में थी और अब और नहीं जी सकती.” पुलिस ने दोनों प्रोफेसरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और अन्य लोगों से पूछताछ जारी है.

छात्रों और परिजनों का आक्रोश

ज्योति की आत्महत्या के बाद यूनिवर्सिटी परिसर में छात्रों और परिजनों ने जमकर प्रदर्शन किया. परिजनों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर लापरवाही और शव के साथ अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया है. ज्योति के पिता रमेश जांगड़ा ने दावा किया कि उनकी बेटी को लगातार प्रताड़ित किया गया, जिसके कारण उसने यह कदम उठाया.

जांच के लिए कमेटी गठित की गई थी 

यूनिवर्सिटी ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता वाइस चांसलर परमानंद करेंगे. कमेटी को पांच दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है.

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