सर्बानंद सोनोवाल का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि सरकार किसी भी हालत में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगी। ऐसी संभावना है कि सुरक्षा बल आने वाले दिनों में कोकराझार में हुए आतंकी हमले में शामिल संगठनों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर सकती है।
असम के कोकराझार में शुक्रवार को हुए आंतकी हमले के लिए प्रतिबंधित आतंकी संगठन एनडीएफबी का सोनबजीत गुट जिम्मेदार है। मौके पर पहुंचे असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ये दावा किया। इस हमले में एक आतंकी समेत कुल 14 लोग मारे गए और 20 से ज्यादा घायल हुए। सोनोवाल ने कहा कि हम अभी तलाशी अभियान चला रहे हैं और अपने लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री ने हमले में मारे गए लोगों के परिवारवालों से भी मुलाकात की।
हमले के बाद के हालात का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यूनिफ़ाइड कमांड की बैठक हुई जिसमें सेना, अर्द्धसैनिक बलों, पुलिस और ख़ुफ़िया विभाग के आला अफ़सरों ने हिस्सा लिया। सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा बल एनडीएफबी के ख़िलाफ़ जल्द ही कोई बड़ी कार्रवाई कर सकते हैं, ख़ासकर भारत-भूटान सीमा पर जहां सरहद पार आतंकियों के कैंप मौजूद हैं।
आपको ये बता दें कि जब पिछले साल जून के महीने में सेना पर आतंकी गुटों ने घात लगाकर हमला किया था तो उसमें 18 जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद सेना ने म्यांमार सीमा पर मौजूद आतंकी कैंपों पर कार्रवाई की और हमले में शामिल सैकड़ों आतंकियों को मार गिराया था।
उम्मीद है कि ऐसी ही कार्रवाई बहुत जल्द सेना कोकराझार हमले में शामिल आतंकियों के खिलाफ भी कर सकती है। असम में बीजेपी की सर्बानंद सोनोवाल सरकार के दो महीने हो चुके हैं और कोकराझार का हमला आने वाले दिनों की चुनौतियों का एक सबूत है।
असम के कोकराझार में शुक्रवार को हुए आंतकी हमले के लिए प्रतिबंधित आतंकी संगठन एनडीएफबी का सोनबजीत गुट जिम्मेदार है। मौके पर पहुंचे असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ये दावा किया। इस हमले में एक आतंकी समेत कुल 14 लोग मारे गए और 20 से ज्यादा घायल हुए। सोनोवाल ने कहा कि हम अभी तलाशी अभियान चला रहे हैं और अपने लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री ने हमले में मारे गए लोगों के परिवारवालों से भी मुलाकात की।
हमले के बाद के हालात का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यूनिफ़ाइड कमांड की बैठक हुई जिसमें सेना, अर्द्धसैनिक बलों, पुलिस और ख़ुफ़िया विभाग के आला अफ़सरों ने हिस्सा लिया। सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा बल एनडीएफबी के ख़िलाफ़ जल्द ही कोई बड़ी कार्रवाई कर सकते हैं, ख़ासकर भारत-भूटान सीमा पर जहां सरहद पार आतंकियों के कैंप मौजूद हैं।
आपको ये बता दें कि जब पिछले साल जून के महीने में सेना पर आतंकी गुटों ने घात लगाकर हमला किया था तो उसमें 18 जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद सेना ने म्यांमार सीमा पर मौजूद आतंकी कैंपों पर कार्रवाई की और हमले में शामिल सैकड़ों आतंकियों को मार गिराया था।
उम्मीद है कि ऐसी ही कार्रवाई बहुत जल्द सेना कोकराझार हमले में शामिल आतंकियों के खिलाफ भी कर सकती है। असम में बीजेपी की सर्बानंद सोनोवाल सरकार के दो महीने हो चुके हैं और कोकराझार का हमला आने वाले दिनों की चुनौतियों का एक सबूत है।
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