संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने हरियाणा के कृषि मंत्री के बयान को अमानवीय बताते हुए उसकी निंदा की है और चेतावनी दी है कि लोग उनके इस अहंकार के लिए उचित सबक सिखाएंगे. आज करनाल के इंद्री में किसान महापंचायत में भारत के शहीद जवानों और आंदोलन में शहीद किसानों के बलिदान को सम्मानपूर्वक याद किया गया. एसकेएम ने कहा कि भाजपा - आरएसएस के छद्म राष्ट्रवाद के विपरीत इस देश के किसान वास्तव में देश की संप्रभुता, एकता और प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए समर्पित हैं.
एसकेएम ने इस तथ्य की निंदा की कि सरकार संसद में बिना शर्म के स्वीकार कर रही है कि उनके पास उन किसानों का कोई डेटा नहीं है जिन्होंने चल रहे आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति दी थी. एसकेएम इन शहीद किसानों की जानकारी के बारे में एक ब्लॉग साइट चला रहा है. अगर सरकार को परवाह है तो वहां डेटा आसानी से उपलब्ध है. एसकेएम ने कहा, "यह वही कठोरता है जिससे अब तक लोगों की जान चली गई है."
महापंचायत में एसकेएम नेताओं ने चेतावनी दी कि भाजपा के दिन पूरे हो चुके हैं क्योंकि अधिक से अधिक किसान जागृत हो रहे हैं. सरकार के विभाजनकारी प्रयासों के बावजूद अलग-अलग राज्यों और धर्मों के किसानों ने एकजुट होकर लड़ने का संकल्प लिया. एसकेएम नेताओं ने कहा कि प्रत्येक महापंचायत के साथ यह एकता मजबूत हो रही है. ग्रामीण भारत और कृषि हमारे लिए मुख्य एजेंडा है.
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