पार्था चटर्जी के लेख पर विवाद
- जाने-माने इतिहासकार पार्था चटर्जी के एक लेख पर विवाद हो गया है
- कश्मीर के शख़्स को जीप से बांधने की तुलना जलियांवाला बाग कांड से की
- कहा - ये आज़ाद भारत का जनरल डायर मोमेंट है
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जब मीडिया ने उनसे इस बारे में बात करने की कोशिश की तो उन्होंने एक बार फिर साफ किया कि वे अपनी बात पर कायम हैं. उन्होंने कहा कि अगर आगे कुछ कहना होगा तो वह अपनी बात प्रिंट मीडिया के माध्यम से रखेंगे. दरअसल- अनंतनाग उप-चुनाव के दौरान एक पोलिंग पार्टी को पत्थरबाजों और उपद्रवियों से बचाने के लिए सेना के मेजर गोगोई ने अपनी जीप के आगे एक स्थानीय नागरिक फारुक अहमद डार को बांध दिया था. उनके इस फ़ैसले की कई लोगों ने जमकर तारीफ़ की. सेना ने उन्हें विशेष मेडल से नवाजा. सेना प्रमुख ने भी खुलकर उनके समर्थन में बयान दिया. सेना प्रमुख जनरल रावत ने अपने बयान में कहा कि अगर कश्मीर में जवानों पर पत्थरबाजी होगी तो मैं उन्हें चुपचाप खड़े रहने और इंतज़ार करने को नहीं कह सकता. प्रदर्शकारियों के हाथों में पत्थर की जगह बंदूक होती तो हम सही तरीके से जवाब देते. जाहिर है ऐसे बयान के बाद कई लोगों ने उनकी आलोचना की.
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