यह ख़बर 26 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर बीजेपी में सहमति है : राजनाथ सिंह

खास बातें

  • अमेरिका दौरे पर गए राजनाथ ने कहा, मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि इसे लेकर इतनी चर्चाएं क्यों हैं... पार्टी इस मुद्दे पर एकमत है... हालांकि राजनाथ ने नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया।
वाशिंगटन:

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने संकेत दिया है कि अगले साल होने वाले आम चुनावों में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर उनकी पार्टी में आम सहमति है, लेकिन वह एक बार फिर नरेंद्र मोदी का नाम लेने से पहले रुक गए। राजनाथ हालांकि कह चुके हैं कि नरेंद्र मोदी 2014 चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का चेहरा होंगे।

अमेरिका दौरे पर गए राजनाथ ने गुरुवार को कहा, मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि इसे लेकर इतनी चर्चाएं क्यों हैं... पार्टी इस मुद्दे पर एकमत है और मुझे पता होता है कि कब सहमति है। राजनाथ का यह बयान ऐसे समय आया है, जब कुछ दिन पूर्व उन्होंने नरेंद्र मोदी को बीजेपी का सबसे लोकप्रिय नेता बताते हुए कहा था कि वह राष्ट्रीय अपील वाले इकलौते नेता हैं।

सूत्रों के मुताबिक राजनाथ की उक्त टिप्पणी को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और जसवंत सिंह नाखुश हो गए थे। नरेंद्र मोदी को अपना पसंदीदा चेहरा बताने के बारे में गलत तरीके से उद्धृत किए जाने को बीजेपी अध्यक्ष ने न तो झुठलाया और न ही स्वीकार किया। अलबत्ता राजनाथ ने इतना संकेत दिया कि नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत पार्टी के 12-सदस्यीय संसदीय बोर्ड का समर्थन हासिल है।

राजनाथ ने भारत-अमेरिका चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, क्या कांग्रेस में लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने की हिम्मत है? राजनाथ ने कहा कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भ्रमित हैं कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में लौटती है, तो अगला प्रधानमंत्री कौन होगा।

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव अभियान समिति के चयन में लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन करती है और इसमें सर्वसम्मति बनती है, जबकि कांग्रेस पार्टी में तानाशाही है। राजनाथ ने कहा, 2009 में जब हमने लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया, तो क्या हमें कोई समस्या हुई और अटल जी जब 1999 में प्रधानमंत्री बने, तो क्या हमें कोई दिक्कत हुई? कांग्रेस अब लोगों का ध्यान घोटालों और विफलताओं से भटकाने का प्रयास कर रही है।

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(इनपुट भाषा से भी)