यह ख़बर 21 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

रेल किराया बढ़ाना मुश्किल, लेकिन सही फैसला : अरुण जेटली

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सरकार द्वारा रेल यात्री किराये व माल भाड़े में बढ़ोतरी के फैसले का बचाव करते हुए इसे 'कठिन, लेकिन सही फैसला' बताया। जेटली ने कहा है कि रेलवे का अस्तित्व तभी बचेगा अगर यात्री सुविधाओं के लिए भुगतान करें।

यात्री किराये व माल भाड़े में वृद्धि पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए जेटली ने कहा, 'यात्री सेवाओं के लिए माल भाड़े से सब्सिडी दी जाती है। बीते कुछ वर्षों में माल भाड़ा भी दबाव में आ गया।' उन्होंने कहा कि सरकार के पास यही विकल्प था कि यो तो वह रेलवे को उसके हालात पर छोड़ दे और अंतत: इसे कर्ज के जाल में फंसने दे या किराया बढ़ाए।

जेटली ने कहा, 'भारत को यह फैसला करना होगा कि उसे विश्व स्तरीय रेलवे चाहिए या घिसीपिटी खस्ताहाल सेवाएं।' उन्होंने कहा, 'रेलमंत्री ने कठिन लेकिन सही फैसला किया है.. भारतीय रेलवे पिछले कुछ साल से घाटे में चल रही है। रेलवे को बचाने का एक ही तरीका है कि यात्री जिन सुविधाओं का लाभ उठाते हैं उनके लिए भुगतान करें।'

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गौरतलब है कि जेटली अगले महीने आम बजट पेश करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि घाटे में चल रही रेलवे मानकों से निम्न सेवाएं देगी और अंतत: उसके पास अपने खर्चे पूरे करने के लिए ही संसाधन नहीं होंगे।