उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में पांच अगस्त को राम मंदिर (Ram Mandir) के भूमि पूजन के लिए भव्य तैयारियां चल रही हैं. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भूमि पूजन करेंगे. हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यलाय (PMO) की ओर से अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है. सूत्रों के मुताबिक, राम मंदिर आंदोलन से जुड़े सभी वरिष्ठ बीजेपी नेताओं को भूमि पूजन कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा.
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे बुजुर्ग नेताओं को कार्यक्रम में बुलाया जाएगा. कोशिश होगी कि वे अयोध्या आएं. इसके अलावा, राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहीं उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा आदि को भी आमंत्रित किया जाएगा. विश्व हिंदू परिषद (VHP) की ओर से आलोक कुमार और मिलिंद परांदे कार्यक्रम में रहेंगे. संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत व अन्य वरिष्ठ नेता रहेंगे.
सूत्रों के मुताबिक पचास से अधिक वीआईपी नहीं रहेंगे. गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी न्योता दिया जाएगा. सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन होगा. अयोध्या के पांच से छह क्षेत्रों में बड़े स्क्रीन लगाए जाएंगे ताकि श्रद्धालु भी भूमि पूजन कार्यक्रम को देख सकें.
बता दें कि शनिवार को अयोध्या में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हुई है. बैठक में दी गई जानकारी में कहा गया था कि अभी मंदिर परिसर में जमीन को बराबर करने और पैमाइश का काम चल रहा है. लेकिन निर्माण का काम प्रधानमंत्री के भूमिपूजन के बाद ही शुरू होगा. अयोध्या में रामलला का मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट की मीटिंग करीब ढाई घंटे चली.
ट्रस्ट की बैठक में मंदिर को और बड़ा बनाने का भी फैसला लिया गया था. पहले मंदिर में तीन शिखर बनने थे, जिन्हें बढ़ाकर पांच किया गया है. पहले मंदिर निर्माण का एरिया 47000 वर्गफीट था, अब 57000 वर्गफीट होगा. पहले मंदिर की ऊंचाई 148 फीट थी, अब ऊंचाई 161 फीट होगी. मंदिर परिसर के चारों कोनों पर सीता जी, लक्ष्मण जी, भरत जी और गणेश जी के चार मंदिर बनाने की भी राय आई है.
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