कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा राज्यसभा सांसद पीएल पूनिया (फाइल फोटो)
बाराबंकी:
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के कैलेंडर में चरखे के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाए जाने पर कांग्रेस ने कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि पीएम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और नाथूराम गोडसे की परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता पीएल पूनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री गोडसे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं, और उन्हें वास्तव में महात्मा गांधी और महान स्वतंत्रता सेनानियों से कोई मतलब नहीं है.
उन्होंने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग केंद्र सरकार की प्रतिष्ठित संस्था है. देश में खादी को बढ़ावा देने के लिए गठित किए गए इस आयोग की परिकल्पना महात्मा गांधी के मत से प्रभावित थी. आज़ादी की लड़ाई में चरखे और खादी को आधार बनाकर अंग्रेजों को यहां से भगाया गया था. अब खादी कमीशन के सालाना कैलेंडर में गांधी जी को हटाकर पीएम ने अपना फोटो लगवाया है, इससे ज्यादा शर्मनाक बात और कोई नहीं हो सकती.
पूनिया ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तैनात सैन्य जवानों के शिकायती वीडियो लगभग रोजाना वायरल हो रहे हैं. वे भोजन, सुविधाओं के अभाव और अधिकारियों द्वारा अपने जूते पॉलिश करवाने जैसे शोषण की शिकायत के वीडियो भेज रहे हैं, मगर हर छोटी-छोटी बात पर 'ट्वीट' करने वाले प्रधानमंत्री इन जवानों की परेशानियों को लेकर ट्वीट नहीं करते. इसका मतलब है कि वह उन्हें गंभीरता से नहीं लेते, यह बहुत शर्मनाक बात है.
मुसलमानों की हज सब्सिडी ख़त्म करने के केंद्र सरकार के विचार पर पूनिया ने कहा कि सब्सिडी मिलने से गरीब मुसलमान भी हज कर आते थे, मगर मोदी सरकार के इस फैसले से यह बात साबित हो गई है कि उन्हें गरीबों की कोई चिंता नहीं है. वे केवल अपना अर्थशास्त्र देखते हैं.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता पीएल पूनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री गोडसे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं, और उन्हें वास्तव में महात्मा गांधी और महान स्वतंत्रता सेनानियों से कोई मतलब नहीं है.
उन्होंने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग केंद्र सरकार की प्रतिष्ठित संस्था है. देश में खादी को बढ़ावा देने के लिए गठित किए गए इस आयोग की परिकल्पना महात्मा गांधी के मत से प्रभावित थी. आज़ादी की लड़ाई में चरखे और खादी को आधार बनाकर अंग्रेजों को यहां से भगाया गया था. अब खादी कमीशन के सालाना कैलेंडर में गांधी जी को हटाकर पीएम ने अपना फोटो लगवाया है, इससे ज्यादा शर्मनाक बात और कोई नहीं हो सकती.
पूनिया ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तैनात सैन्य जवानों के शिकायती वीडियो लगभग रोजाना वायरल हो रहे हैं. वे भोजन, सुविधाओं के अभाव और अधिकारियों द्वारा अपने जूते पॉलिश करवाने जैसे शोषण की शिकायत के वीडियो भेज रहे हैं, मगर हर छोटी-छोटी बात पर 'ट्वीट' करने वाले प्रधानमंत्री इन जवानों की परेशानियों को लेकर ट्वीट नहीं करते. इसका मतलब है कि वह उन्हें गंभीरता से नहीं लेते, यह बहुत शर्मनाक बात है.
मुसलमानों की हज सब्सिडी ख़त्म करने के केंद्र सरकार के विचार पर पूनिया ने कहा कि सब्सिडी मिलने से गरीब मुसलमान भी हज कर आते थे, मगर मोदी सरकार के इस फैसले से यह बात साबित हो गई है कि उन्हें गरीबों की कोई चिंता नहीं है. वे केवल अपना अर्थशास्त्र देखते हैं.
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