पीएम नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली:
पीएम नरेंद्र मोदी आज एक बार फिर से 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए लोगों से रुबरु हुए. रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के माध्यम से वह हर महीने के आखिरी इतवार को लोगों से मुखातिब होते हैं. अबकी बार मन की बात के जरिए पीएम मोदी ने रियो ओलिंपिंक में गए खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं और लोगों से भी कहा कि वह अपनी शुभकामनाएं शेयर करें.
पीएम मोदी ने आज इस कार्यक्रम के जरिए गर्भवती महिलाओं के लिए एक स्कीम का ऐलान किया जिसके तहत अब वे गर्भाधान के बाद से लेकर हर महीने नौं तारीख को फ्री हेल्थ चेकअप करवा पाएंगी. ये हेल्थ चेकअप सरकारी अस्पतालों में होंगे.
उनके द्वारा कही गई बातों के मुख्य अंश :
इस कार्यक्रम में वह महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं. दूरदर्शन पर भी इस कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता है. पीएम ने इस कार्यक्रम की शुरुआत 3 अक्टूबर 2014 से की थी और यह अब भी लगातार जारी है. आज 22वीं बार पीएम नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम के जरिए अपने विचार साझा किए.
पिछली बार के मन की बात कार्यक्रम में पीएम 1975 में भारत में लगी इमरजेंसी को याद करते हुए उसे देश की काली घटना बताया था. पीएम ने कहा कि 'लोकतंत्र ने हमें बड़ी ताकत दी है, लेकिन 26 जून, 1975 एक दिन था जब भारत में आपातकाल लागू किया गया. नागरिकों के सारे अधिकारों को खत्म कर दिया गया और देश को जेलखाना बना दिया गया.
पीएम मोदी ने आज इस कार्यक्रम के जरिए गर्भवती महिलाओं के लिए एक स्कीम का ऐलान किया जिसके तहत अब वे गर्भाधान के बाद से लेकर हर महीने नौं तारीख को फ्री हेल्थ चेकअप करवा पाएंगी. ये हेल्थ चेकअप सरकारी अस्पतालों में होंगे.
उनके द्वारा कही गई बातों के मुख्य अंश :
- किसी भी समाज और सरकार के लिए सम-भाव और मम-भाव से बड़ा कोई मंत्र नहीं हो सकता, जो हमें उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाते हैं.
- एंटीबॉयोटिक्स की जो दवाइयां बिकती हैं, उसकी स्ट्रिप (पत्ते) पर लाल लकीर से आपको सचेत किया जाता है, आप उस पर ज़रूर ध्यान दीजिए. एंटीबॉयोटिक्स का इस्तेमाल कैसे हो, इस पर द्यान जरूर दें.
- हमने कैंप कानून पास किया है जो कि पर्यावरण के लिए है. हमने 1 जुलाई को 2.25 करोड़ पौधे लगाए गए.
- रक्षाबंधन पर बहनों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना या जीवन ज्योति बीमा योजना भेंट कर सकते हैं.
- मंदिर में प्रसाद के बदले पौधे दें. वृक्षों को संतान की तरह पालें. इनकी रक्षा बेहद जरूरी.
- दुनिया में अहिंसा, प्रेम, क्षमा- ये शब्द जब कान पर पड़ते हैं, तो गांधी और मंडेला- इनके चेहरे हमारे सामने दिखाई देते हैं.
- आने वाला युग technology driven है और तकनीक सबसे ज़्यादा चंचल है. आए दिन तकनीक बदलती है. आप तकनीक को पकड़ नहीं सकते, उससे आगे निकलना है, रिसर्च और इनोवेशन- ये तकनीक के प्राण हैं.
- अगर रिसर्च और इनोवेशन नहीं होंगे, तो जैसे ठहरा हुआ पानी गंदगी फैलाता है, तकनीक भी बोझ बन जाती है.
- खिलाड़ी रातों-रात नहीं बनते. एक बहुत बड़ी तपस्या के बाद बनते हैं.
- आप मुझे ‘NarendraModi App’ पर खिलाड़ियों के नाम शुभकामनायें भेजिए, मैं आपकी शुभकामनायें उन तक पहुंचाऊंगा.
- गत सप्ताह अब्दुल कलाम जी की पुण्यतिथि पर देश और दुनिया ने श्रद्धांजलि दी. अब्दुल कलाम जी का नाम आता है तो विज्ञान, तकनीक, मिसाइल भावी भारत के सामर्थ्य का चित्र हमारी आँखों के सामने अंकित हो जाता है.
इस कार्यक्रम में वह महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं. दूरदर्शन पर भी इस कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता है. पीएम ने इस कार्यक्रम की शुरुआत 3 अक्टूबर 2014 से की थी और यह अब भी लगातार जारी है. आज 22वीं बार पीएम नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम के जरिए अपने विचार साझा किए.
पिछली बार के मन की बात कार्यक्रम में पीएम 1975 में भारत में लगी इमरजेंसी को याद करते हुए उसे देश की काली घटना बताया था. पीएम ने कहा कि 'लोकतंत्र ने हमें बड़ी ताकत दी है, लेकिन 26 जून, 1975 एक दिन था जब भारत में आपातकाल लागू किया गया. नागरिकों के सारे अधिकारों को खत्म कर दिया गया और देश को जेलखाना बना दिया गया.
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