विज्ञापन
This Article is From Jun 13, 2014

प्रधानमंत्री ने 500 जिलों के लिए मानसून आकस्मिक योजना पर चर्चा की

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने कैबिनेट के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ बैठक कर कृषि क्षेत्र पर कमजोर मॉनसून के असर की समीक्षा की। इस बैठक में संभावित कमजोर मानसून से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निबटने के सिलसिले में 500 जिलों के लिए एक आकस्मिक योजना पर चर्चा हुई।

कमजोर मानसून से दामों पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर पैदा हुई चिंता के बीच प्रधानमंत्री के निवास पर यह बैठक हुई जिसमें चार कैबिनेट मंत्रियों- कृषि, खाद्य, उर्वरक और जल संसाधन तथा तीन राज्य मंत्रियों ने हिस्सा लिया। मोदी ने कृषि, ग्रामीण विकास, जल संसाधन, जैविक कृषि, उर्वरकों और रसायनों तथा पशुपालन से जुड़े मुद्दों की विस्तार से समीक्षा की। प्रधानमंत्री को विभिन्न विभागों के सचिवों ने इन क्षेत्रों की योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने विशेषकर कृषकों के संकट कम करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी लाने पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, 'कमजोर मानसून की संभावना के मद्देनजर कृषि मंत्रालय ने 500 जिलों के लिए आकस्मिक योजना पेश की।' कृषि सचिव आशीष बहुगुणा ने मानसून समेत इस क्षेत्र के अहम मुद्दों पर प्रेजेंटेशन रखा।

यह बैठक विभिन्न मंत्रालयों की एक के बाद एक समीक्षा करने की शृंखला के तहत हुई थी, जिसका प्रधानमंत्री पहले ही सचिवों के साथ अपनी बैठक में जिक्र कर चुके थे। उसमें केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार, उमा भारती, राम विलास पासवान और राधा मोहन सिंह ने हिस्सा लिया।

मोदी ने बैठक के बाद ट्विटर पर लिखा, 'कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, जैविक कृषि, मृदा स्वास्थ्य तथा कृषि से जुड़े अन्य मुद्दों पर मंत्रियों एवं अधिकारियों के साथ सार्थक चर्चा हुई।' उन्होंने लिखा, ' ‘प्रयोगशाला से जमीन तक’ पहल कैसे कृषि को मजबूत कर सकती है और हमारे किसानों की मदद कर सकती है, जैसे अभिनवकारी विचारों पर हमने चर्चा की।' चूंकि ज्यादातर चर्चा कृषि और मानसून पर केंद्रित रही इसलिए डेयरी एवं पशुपालन, खाद्य एवं उपभोक्ता मामले, उर्वरक तथा जल संसाधन विभागों के प्रजेंटेंशन नहीं रखे जा सके।

सूत्रों ने बताया कि कमजोर मानसून के असर को कम से कम करने के लिए सरकार की तैयारी से मोदी को अवगत कराया गया और उन्हें यह भी बताया गया कि फिर से बुआई के लिए बीज खरीदने तथा फसलों को बचाने के लिए सिंचाई के वास्ते डीजल खरीदने के लिए सब्सिडी देने जैसे राहत उपायों पर विचार किया जा रहा है।

गौरतलब है कि भारतीय मौसम विभाग ने इस सप्ताह के प्रारंभ में अपने अनुमान में कहा था जून-सितंबर के दौरान 93 फीसदी बारिश होगी। पहले 95 फीसदी से कम का अनुमान व्यक्त किया गया था।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महंगाई पर बैठक, मानसून की स्थिति, Prime Minister Narendra Modi, Meeting On Inflations, Monsoon Status