नई दिल्ली:
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सोमवार को एक सड़क परियोजना के लिए एक वन क्षेत्र को साफ करने के बाद एक भी पेड़ नहीं लगाने के लिए हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों की खिंचाई करते हुए तल्ख टिप्पणी की, ‘‘वह समय दूर नहीं जब लोगों को आक्सीजन सिलेंडर लेकर चलना होगा.’’
एनजीटी प्रमुख स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण नुकसान पर चिंता जताते हुए कहा, ‘‘आधा देश बाढ़ का सामना कर रहा है और आधा देश सूखे का. शिमला का तापमान बढ़ रहा है. हमें एक पेड़ दिखाइए जो आपने लगाया है. क्या सड़क आपको आक्सीजन देगी? पेड़ हमें आक्सीजन देते हैं.’’ पीठ ने कहा, ‘‘लोग बीमार पड़ रहे हैं. वह समय दूर नहीं जब लोगों को आक्सीजन सिलेंडर लेकर चलना होगा.’’ पीठ ने कहा कि इस अहम मुद्दे को लेकर ‘‘कोई भी चिंतित’’ नहीं है और संबंधित अधिकारी हमें ऐसी एक भी तस्वीर दिखाने में नाकाम रहे जहां पेड़ लगाए गए.
जब राज्य की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि परियोजना राष्ट्रीय महत्व की है तो पीठ ने कहा, ‘‘हम देख चुके हैं कि राष्ट्र हित क्या है. एक लाख पड़े लगाइए और फिर हमारे पास आइए.’’ पीठ ने कहा कि वह 11 अगस्त को इस मामले को सुनेगी.
अधिकरण ने इससे पहले हिमाचल प्रदेश में परवानू से शोघी तक पेड़ काटे जाने से जुड़े मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था.
एनजीटी ने वन संरक्षक को हलफनामा दायर करके इस क्षेत्र में काटे गये पेड़ों की संख्या के बारे में बताने का निर्देश दिया था तथा राज्य सरकार तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एनजीटी प्रमुख स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण नुकसान पर चिंता जताते हुए कहा, ‘‘आधा देश बाढ़ का सामना कर रहा है और आधा देश सूखे का. शिमला का तापमान बढ़ रहा है. हमें एक पेड़ दिखाइए जो आपने लगाया है. क्या सड़क आपको आक्सीजन देगी? पेड़ हमें आक्सीजन देते हैं.’’ पीठ ने कहा, ‘‘लोग बीमार पड़ रहे हैं. वह समय दूर नहीं जब लोगों को आक्सीजन सिलेंडर लेकर चलना होगा.’’ पीठ ने कहा कि इस अहम मुद्दे को लेकर ‘‘कोई भी चिंतित’’ नहीं है और संबंधित अधिकारी हमें ऐसी एक भी तस्वीर दिखाने में नाकाम रहे जहां पेड़ लगाए गए.
जब राज्य की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि परियोजना राष्ट्रीय महत्व की है तो पीठ ने कहा, ‘‘हम देख चुके हैं कि राष्ट्र हित क्या है. एक लाख पड़े लगाइए और फिर हमारे पास आइए.’’ पीठ ने कहा कि वह 11 अगस्त को इस मामले को सुनेगी.
अधिकरण ने इससे पहले हिमाचल प्रदेश में परवानू से शोघी तक पेड़ काटे जाने से जुड़े मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था.
एनजीटी ने वन संरक्षक को हलफनामा दायर करके इस क्षेत्र में काटे गये पेड़ों की संख्या के बारे में बताने का निर्देश दिया था तथा राज्य सरकार तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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