
देश के अति पिछड़े जिले बहराइच में नानपारा से लेकर मैलानी तक चलने वाली ट्रेन को शनिवार को बंद कर दिया गया. सस्ती ट्रेन सेवा बंद होने से उत्तरप्रदेश के बहराइच ही नहीं उससे सटे नेपाल के चार जिले बांके, बर्दिया, कैलाली और कंचनपुर के लोगों का आवागमन भी बुरी तरह प्रभावित हो गया है. इस 123 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक को बंद किए जाने से भारत-नेपाल सीमा से सटे इलाके में रहने वाले लोग परेशान हैं. वे रेल सेवा बंद होने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. यह रेल सेवा इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर बंद की गई है.
इस सस्ती रेल सेवा के जरिए छोटे व्यापारी अपना सामान और किसान अपना बीज और उत्पाद मिहींपुरवा, बिछिया, कर्तियाघाट,नानपारा से लेकर आते हैं और बहराइच से लेकर नेपाल तक में बेचते हैं. यह पूरा इलाका कर्तियाघाट वन्यजीव अभ्यारण्य और दुधवा नेशनल पार्क से सटा है. वन्य जीव संरक्षण को लेकर ही पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस रेल सेवा को बंद करने का आदेश सुनाया था.
दरअसल से रेल ट्रैक जंगल के बीच से गुजरता है. इसके चलते कई जंगली हाथी और वन्य जीवों की पटरी पर आने से मौत हो चुकी है. वन विभाग इस मामले को लेकर हाईकोर्ट गया था. हाईकोर्ट ने रेल सेवा बंद करने का आदेश दिया.
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मिहींपुरवा के रहने वाले गिरीश त्रिपाठी का कहना है कि रेल सेवा बंद होने से लाखों गरीबों की अजीविका पर असर पड़ेगा. इससे जंगल का दोहन और ज्यादा बढ़ेगा. लग रहा है कि सरकार ने इस गरीब इलाके की जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया है. दूरदराज के इलाके की खस्ताहाल सड़कों के चलते अब ग्रामीणों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है.
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