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This Article is From Oct 23, 2021

NIA ने 'घी' को बताया आतंकी कोड वर्ड, कोर्ट ने कहा सबूत नहीं, आरोपियों को किया बरी

एनआईए ने घी का मलतब विस्फोटक और खिदमत का मतलब आतंकी ट्रेनिंग बताया. कोर्ट ने कहा कि इन शब्दों के कई मीनिंग हैं इसलिए एनआईए इन शब्दों का जो अर्थ निकाल रही है वो स्वीकर नहीं हैं.

पटियाला हाउस कोर्ट ने 4 आरोपियों को किया आरोपमुक्त (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली:

आतंकी फंडिंग (Terror Funding) से मस्जिद निर्माण मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने चारों आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया है.  दरअसल, तीन साल पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दावा किया था कि पलवल में एक मस्जिद टेरर फंडिंग से बनाई जा रही है और इसका पैसा सीधा पाकिस्तान से आ रहा है. आतंकी मस्जिद बनाने के बहाने भारत में अपने स्लीपर सेल एक्टिव कर गड़बड़ी फैलाने की फिराक में हैं. इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया था ,लेकिन कोर्ट ने ये कहते हुए सभी को आरोपमुक्त कर दिया कि इनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं. 

तीन साल जेल में रहने के बाद जब राजस्थान के नागौर निवासी 42 साल के मोहम्मद हुसैन मोलानी रोहिणी जेल से बाहर आये तो उनके घरवालों की खुशी देखते ही बन रही थी. मोलानी के बड़े भाई तो उसे गले लगाकर रो पड़े. मोलानी को एनआईए ने जयपुर एयरपोर्ट से 21 जनवरी 2019 को गिरफ्तार किया था. तब वो दुबई से लौट रहे थे. उन पर आरोप लगाया कि पलवल में बन रही एक मस्जिद में उन्होंने आतंकियों द्वारा दिया गया पैसा लगाया है, लेकिन गुरुवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें आरोपमुक्त कर दिया. 

एनआईए ने इस मामले में मोहम्मद सलमान ,मोहम्मद सलीम, आरिफ गुलाम बशीर और मोहम्मद हुसैन मोलानी को गिरफ्तार किया था. कोर्ट में दावा किया कि मोहम्मद सलमान के मोबाइल से कुछ मैसेज मिले हैं, जिनमें घी और खिदमत जैसे शब्द हैं. एनआईए ने घी का मलतब विस्फोटक और खिदमत का मतलब आतंकी ट्रेनिंग बताया. कोर्ट ने कहा कि इन शब्दों के कई मीनिंग हैं इसलिए एनआईए इन शब्दों का जो अर्थ निकाल रही है वो स्वीकर नहीं हैं. इन शब्दों के आधार पर किसी को टेरर लिंक से नहीं जोड़ा जा सकता और कोर्ट ने सभी 4 लोगों को आरोपमुक्त कर दिया. 

एनआईए ने कोर्ट में दावा किया था कि पलवल में मस्जिद बनाने के लिए पाकिस्तानी आतंकी संगठन फलह ई इंसानियत फाउंडेशन पैसा दे रहा था. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि इसके कोई सबूत नहीं हैं. 

मोहम्मद हुसैन के परिवार के मुताबिक, वो कपड़े और ट्रैवल एजेंसी का काम करते हैं. उन्होंने मस्जिद बनाने के लिए 1.20 लाख रुपये दान के तौर पर दिए थे. मोहम्मद हुसैन राजस्थान के नागौर के रहने वाले हैं. उनके 2 छोटे बच्चे हैं. बीते 3 सालों में उनका कारोबार भी चौपट हो गया और उनका परिवार भी मुश्किल हालात से गुजर रहा है. 3 सालों में मोलानी को जमानत या परोल नहीं मिली. बीते 6 महीने से उनका परिवार उनसे जेल में भी नहीं मिल पाया था, मोलानी के साथ छुटे बाकी 3 लोगों की भी ऐसी ही कहानी है. 

वीडियो: NIA की छापेमारी, आतंकी गतिविधि में संलिप्त होने के आरोप में 8 गिरफ्तार

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