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This Article is From Dec 26, 2017

मनमोहन सिंह के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में बनी 'बात', संसद में गतिरोध खत्म होने के आसार

सूत्रों के अनुसार जब सत्ता पक्ष की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की क्रेडिबिलिटी की बात होगी तो सारा सदन उस पर एक सुर से और एक मत से खड़ा नजर आएगा.

मनमोहन सिंह के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में बनी 'बात', संसद में गतिरोध खत्म होने के आसार
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के मुद्दे पर पिछले कुछ दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध जारी है.
नई दिल्ली:

पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध बुधवार (27 दिसंबर) को खत्म हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक राज्यसभा में गतिरोध खत्म करने का जो फॉर्मूला कांग्रेस और सरकार के बीच बना है उसके मुताबिक दोनों पक्ष सदन में अपनी बात रखेंगे. सूत्रों के अनुसार जब सत्ता पक्ष की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की क्रेडिबिलिटी की बात होगी तो सारा सदन उस पर एक सुर से और एक मत से खड़ा नजर आएगा. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी सदन में उपस्थित रहने की उम्मीद है. 

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सूत्रों के मुताबिक इस मौके पर पीएम मोदी से माफी या खेद जताने की मांग नहीं की जाएगी. पहले कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी से माफी की मांग पर अड़ी थी. उसकी तरफ से यह भी कहा गया था कि माफी में दिक्कत है तब प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ खेद जता देते, लेकिन सदन में वह अपनी बात तो रखें.

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हालांकि अब बनी सहमति के मुताबिक जब सदन में यह मामला उठेगा और जब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की क्रेडिबिलिटी की बात पर सदन में मुहर लगेगा, तब प्रधानमंत्री मोदी भी वहां मौजूद होंगे. गौरतलब है कि गुजरात में चुनावी अभियान के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के घर कोई एक बैठक का जिक्र करते हुए आरोप लगाया था इस बैठक में पाकिस्तान के साथ मिलकर यह साजिश रची गई थी कि गुजरात में बीजेपी सत्ता में ना आए.

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बाद में यह जानकारी सामने आई थी कि उस मुलाकात में न सिर्फ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल थे, बल्कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर समेत कई गणमान्य मौजूद थे. इनमें कई डिप्लोमैट फॉर्मल डिप्लोमैट और वरिष्ठ पत्रकार भी शामिल हुए थे. इस बयान पर बड़ी नाराजगी जताते हुए कांग्रेस ने इसे निचले स्तर की राजनीति करार दिया था और प्रधानमंत्री मोदी से माफी की मांग की थी. इस वजह से कई दिन तक राज्यसभा और लोकसभा में भी गतिरोध बना रहा.

कांग्रेस और सरकार के बीच पहले भी एक रजामंदी की बात सामने आई थी, लेकिन बाद में दोनों ने एक दूसरे पक्ष पर अपनी बात से पीछे हटने का आरोप लगाया. अब बुधवार को सहमति पर अमल हो जाता है तो फिर सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकेगी. 

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