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This Article is From Jul 18, 2016

कहने को नाम पाकिस्तान है लेकिन हरकतें सभी नापाक हैं : संसद में बोले राजनाथ सिंह

कहने को नाम पाकिस्तान है लेकिन हरकतें सभी नापाक हैं : संसद में बोले राजनाथ सिंह
राज्‍यसभा में कश्‍मीर पर चर्चा का जवाब देते राजनाथ सिंह
नई दिल्‍ली: कश्मीर मुद्दे पर सोमवार को राज्यसभा में बहस हुई। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वहां हालात 90 के दशक से ज्यादा बुरे हैं और इसके लिए सरकारी पार्टी का रुख़ भी जिम्मेदार है। जबकि सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि वहां हालात संभालने के लिए सरकार ने सबकुछ किया।

राज्यसभा में कश्मीर पर बहस का जवाब देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर हमला बोला। राजनाथ सिंह ने कहा, "जो कुछ भी भारत में हो रहा है वो पाक स्पॉन्सर्ड है। कहने को नाम पाकिस्तान है लेकिन हरकतें सभी नापाक हैं।" उन्‍होंने कहा, 'वो भारत के मुसलमानों की फिक्र करना छोड़ दे।'

उन्होंने कहा कि जो जनमत संग्रह की बात करते हैं, वो लोगों को बरगलाते हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा, "जनमत संग्रह की बात अब आउट डेटेड हो चुकी है।" गृह मंत्री के मुताबिक़ वो बार बार सुरक्षा बलों को संयम बरतने की हिदायत देते आए हैं। उन्होंने सदन को बताया, "मैंने उन्हें बार बार कहा है कि अतिरिक्त बल का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।"

इससे पहले राज्यसभा में कश्मीर पर बहस की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि आतंकवाद से लड़ाई ज़रूरी है, लेकिन आतंकी और अवाम का फ़र्क ध्यान में रखना ज़रूरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके समय राज्य में भरोसे का जो माहौल बना था, उसे सत्ताधारी नेताओं के भड़काऊ बयानों ने बिगाड़ दिया है। गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, "हालत जो हैं वो 1990 से भी ख़राब हैं। वहां हम लोगों ने कितना कुछ किया लेकिन मौजूद स्थिति में लोग वहां ख़ुश नहीं हैं और वहां की हुकूमत इसके लिए जिम्‍मेदार है।" बीजेपी की ओर से अरुण जेटली ने राज्य में कांग्रेस के इतिहास पर सवाल उठाते हुए कहा कि लड़ाई देश और अलगाववाद के बीच है और इस लड़ाई में बाहरी ताकतों की भूमिका है। पाकिस्तान इसे हवा दे रहा है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, "घाटी में हालत इसलिए खराब नहीं क्‍योंकि वहां बीजेपी और पीडीपी की सरकार है। वहां लड़ाई अलगवादियों और देश के बीच की है।" उनके मुताबिक़ पाकिस्तान इस बात को हज़म नहीं कर पाया कि कश्मीर भारत का हिस्सा है इसलिए वो रह रह कर लोगों को उकसाने की कोशिश करता है। जबकि लेफ्ट की ओर सीताराम येचुरी ने बहस में हिस्सा लेते हुए कहा कि कश्मीरी नौजवानों के असंतोष को दूर करना ज़रूरी है।

सीताराम येचुरी ने कहा, "पाकिस्तान को लेकर एक तय नीति होनी चाहिए। कभी आप 56 इंच की छाती का हवाला देते हो, कभी बिरयानी खाने जन्मदिन पर पहुंच जाते हो।" उनके मुताबिक़ केंद्र को ऑल पार्टी मीटिंग कर ये तय करना चाहिए कि आगे क्या रास्ता इख़्तियार किया जाना चाहिए।

केंद्र सरकार भी चाहती थी कि कश्मीर के मुद्दे पर बहस हो क्योंकि वो अपना पक्ष सदन के सामने रखना चाहती थी। साथ में ये भी बताना चाहती थी कि घाटी में जो कुछ भी हो रहा है उसके लिए बीजेपी नहीं बल्कि वो पार्टियां जिम्‍मेदार हैं जिन्होंने वहां पर कई सालों तक राज किया। अब कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा 20 जुलाई को लोकसभा में होगी।

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