अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ की भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर NDTV से बातचीत में की गई टिप्पणी पर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि अब हमें गीता गोपीनाथ पर मंत्रियों के हमले के लिए तैयार हो जाना चाहिए. चिदंबरम ने कहा कि गीता गोपीनाथ ने नोटबंदी के फैसले की भी आलोचना की थी. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आईएमएफ की ओर से भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर 2019-2020 में 5 फीसदी से भी कम दर आंकी गई है. उन्होंने ने एक दूसरे ट्वीट में कहा कि आश्चर्य नहीं होगा कि इससे भी नीचे दर हो जाए. आपको बता दें कि IMF की चीफ़ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ का कहना है कि भारतीय जीडीपी में गिरावट का असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. उनका कहना है कि विश्व अर्थव्यवस्था की जीडीपी में अगर भारतीय अर्थव्यवस्था की भागीदारी की बात करें तो ये काफ़ी अहम है. अगर भारतीय जीडीपी में गिरावट आती है तो इसका असर पूरी दुनिया के आर्थिक विकास पर भी पड़ेगा. इसलिए हमनें ग्लोबल ग्रोथ के अनुमान को भी 0.1 फीसदी कम किया है. जिसका अधिकांश हिस्सा भारत के ग्रोथ रेट में कमी की वजह से है.
IMF Chief Economist Gita Gopinath was one of the first to denounce demonetisation.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 21, 2020
I suppose we must prepare ourselves for an attack by government ministers on the IMF and Dr Gita Gopinath.
बता दें, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने सोमवार को भारत सहित वैश्विक आर्थिक वृद्धि परिदृश्य के अपने अनुमान को कम किया है. इस वैश्विक संगठन ने इसके साथ ही व्यापार व्यवस्था में सुधार के बुनियादी मुद्दों को भी उठाया है. उसने भारत समेत कुछ उभरती अर्थव्यवस्थाओं में अचंभे में डालने वाली नकारात्मक बातों का हवाला देते हुए कहा कि 2019 में वृश्विक आर्थिक वृद्धि की दर 2.9 प्रतिशत रह सकती है. विश्व आर्थिक मंच के सालाना शिखर सम्मेलन के उद्घाटन से पहले ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य पर जानकारी देते हुए मुद्राकोष ने भारत के आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 2019 के लिये कम कर 4.8 प्रतिशत किया है.
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आईएमएफ के ताजा अनुमान के अनुसार 2019 में वैश्विक वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत रहेगी. जबकि 2020 में इसमें थोड़ा सुधार आयेगा और यह 3.3 प्रतिशत पर पहुंच जायेगी. उसके बाद 2021 में 3.4 प्रतिशत रहेगी. इससे पहले आईएमएफ ने पिछले साल अक्टूबर में वैश्विक वृद्धि का अनुमान जारी किया था. उसके मुकाबले 2019 और 2020 के लिये उसके ताजा अनुमान में 0.1 प्रतिशत कमी आई है जबकि 2021 के वृद्धि अनुमान में 0.2 प्रतिशत अंक की कमी आई है. भारत में जन्मीं आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि मुख्य रूप से गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में नरमी तथा ग्रामीण क्षेत्र की आय में कमजोर वृद्धि के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान कम हुआ है.मुद्राकोष के अनुसार 2019-20 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रहेगी.
भारतीय GDP में गिरावट का असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है: गीता गोपीनाथ
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