
रक्षा मंत्री सीतारमण ने किया कांग्रेस पर पलटवार
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कोर्ट से तथ्यों को दोबारा देखने को कहा
कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस ने जताया था एतराज
विमान डील में कोई घपला नहीं- सीतारमण
Defence Minister Nirmala Sitharaman: We've given the price to the CAG, in a Parliamentary system the CAG looks into it and then its report goes to PAC. The PAC will have a look at it and then it'll become a public document. It is a process and it has commenced. #RafaleVerdict pic.twitter.com/B8kMsdnjey
— ANI (@ANI) December 17, 2018
राफेल को लेकर सीएजी की रिपोर्ट पर अब मामला गरमा गया है और कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर है. शनिवार को एक बार फिर से कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य देने के लिए सरकार जिम्मेदार है. कपिल सिब्बल ने कहा राफेल पर फैसला आने के बाद कहा था कि 'सरकार सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य देने के लिए जिम्मेदार है.
Defence Minister Nirmala Sitharaman: In the affidavit we've given the data and the information. We think there's an interpretation problem, we would like you (court) to look at it and correct it, That's our appeal to the court, we'll wait for them to take the call. pic.twitter.com/JZe3wSa1B1
— ANI (@ANI) December 17, 2018
मुझे लगता है कि अटॉर्नी जनरल को पीएसी के सामने आना चाहिए और यह पूछा जाना जाहिए कि गलत तथ्य क्यों प्रस्तूत किए. यह काफी गंभीर मामला है.' उन्होंने कहा था कि हम बहुत स्पष्ट हैं कि सुप्रीम कोर्ट एक उचित फोरम नहीं था जिस पर इन मुद्दों का फैसला किया जा सकता है, क्योंकि यहां न तो सुप्रीम कोर्ट न ही फाइलों की जांच कर सकता है और न ही गवाहों के शपथपत्र की जांच कर सकता है.
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साथ ही सुप्रीम कोर्ट प्रधानमंत्री को बुलाकर पूछताछ भी नहीं कर सकता, जबकि हमें इस पर पीएम से सवाल करने की जरूरत है. कपिल सिब्बल ने कहा, मैंने एक टेलीस्कोप खरीदने के लिए कहा है और मुझे उसे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को गिफ्ट करना है. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा था कि विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस को टेलीस्कोप से देखना पड़ेगा. ध्यान हो कि शुक्रवार को राफेल पर फैसले के वक्त प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा था कि हमारे सामने पेश की गयी सामग्री दर्शाती है कि सरकार ने विमान के मूल दाम को छोड़कर मूल्य निर्धारण का ब्योरा संसद को भी नहीं दिया है, इस आधार पर कि मूल्य निर्धारण विवरण की संवेदनशीलता से राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित होगी और दोनों देशों के बीच के समझौते का भी उल्लंघन होगा.' पीठ ने कहा था कि हालांकि मूल्य निर्धारण ब्योरा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को दिया यगा और कैग की रिपोर्ट पर लोक लेखा समिति (पीएसी) विचार भी कर चुकी है.
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