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This Article is From Aug 12, 2019

NSA अजित डोभाल ने श्रीनगर, पुलवामा, अवन्तीपुरा, पाम्पोर, बडगाम में हालात का जायज़ा लिया

वह अनुच्छेद 370 हटाए जाने की घोषणा से पहले ही जम्मू-कश्मीर पहुंच कर और सुरक्षा व्यवस्था की लगातार समीक्षा कर रहे हैं. आपको बता दें कि अजीत डोभाल ऐसे पहले पुलिस अधिकारी हैं जिनको कीर्ति चक्र सम्मानित किया गया है.

NSA अजित डोभाल ने श्रीनगर, पुलवामा, अवन्तीपुरा, पाम्पोर, बडगाम में हालात का जायज़ा लिया
जम्मू-कश्मीर में लोगों से मुलाकात करते हुए अजित डोभाल
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370   हटाने के बाद से घाटी में तनाव के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने समूचे श्रीनगर शहर, पुलवामा, अवन्तीपुरा, पाम्पोर, बडगाम में हालात का जायज़ा लिया. इससे पहले भी उनके दो वीडियो सामने आ चुके हैं जिसमें एक में वह स्थानीय लोगों के साथ खाना खा रहे हैं और दूसरे वीडियो में वह हालचाल पूछ रहे हैं. गौरतलब है कि अजित डोभाल केंद्र सरकार के आंख-कान बनकर जम्मू-कश्मीर में डटे हुए हैं और हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. वह अनुच्छेद 370 हटाए जाने की घोषणा से पहले ही जम्मू-कश्मीर पहुंच कर और सुरक्षा व्यवस्था की लगातार समीक्षा कर रहे हैं. आपको बता दें कि अजीत डोभाल ऐसे पहले पुलिस अधिकारी हैं जिनको कीर्ति चक्र सम्मानित किया गया है. अपने पुलिस करियर के दौरान ज्यादातर वह जासूसी अभियानों और आतंकी संगठनों से निपटने में ही लगे रहे. वह करीब 7 सालों तक पाकिस्तान में जासूस बनकर भी रह चुके हैं. अजित डोभाल को राष्ट्रवादी विचारों वाला कहा जाता है और प्रधानमंत्री मोदी उन पर विश्वास करते हैं. अजित डोभाल मोदी सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तो है हीं इस बार उनको कैबिनेट का भी दर्जा दिया गया है.

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गढ़वाली परिवार में जन्मे अजित डोभाल ने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री ली है इसके बाद वह 1968 में बैच के आईपीएस अफसर बन गए. अजित डोभाल ने अपने करियर के दौरान उत्तर पूर्व के खतरनाक उग्रवादी संगठन मिजो संगठन के खिलाफ अभियान चलाने के लिए डोभाल गुप्त के रूप से म्यांमार और चीन की सीमा पार कर भी काम कर चुके हैं. मिजोरम के उग्रवादी नेता लालडेंगा को बातचीत करने के लिए उन्होंने ही राजी किया था.

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साल 1989 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लैक थंडर से पहले अजीत डोभाल ने महत्वपूर्ण ख़ुफ़िया जानकारी हासिल की थी. दरअसल डोभाल एक रिक्शेवाले के भेष में स्वर्ण मंदिर में घुसे और चरमपंथियों की पोजीशन और संख्या की जानकारी लेकर बाहर आए.  बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के एक पूर्व अधिकारी बताते हैं, "इस ऑपरेशन में बहुत बड़ा जोख़िम था लेकिन हमारे सुरक्षा बलों को ख़ालिस्तानियों की योजना का पूरा ख़ाका अजित डोभाल ने ही उपलब्ध कराया था. नक्शे, हथियारों और लड़ाकों की छिपे होने की सटीक जानकारी डोभाल ही बाहर निकाल कर लाए थे.'' 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी-814 को काठमांडू से हाईजैक कर लिया गया था. उस समय डोभाल को भारत की ओर से मुख्य वार्ताकार बनाया गया था. इसके अलावा पीओके में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के पीछे भी उनकी बड़ी भूमिका थी.

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