गौरी लंकेश ही नहीं, आवाज बुलंद करने के बदले इन 12 पत्रकारों ने भी गंवाई जान

पिछले कुछ साल पर नजर डालें तो कई मौकों पर पत्रकारों की हत्या कर दी गई. आइए हाल के उन 12 वारदातों पर नजर डालें जिसमें पत्रकार की हत्या कर दी गई.

गौरी लंकेश ही नहीं, आवाज बुलंद करने के बदले इन 12 पत्रकारों ने भी गंवाई जान

बिहार के सीवान में हिन्दुस्तान के पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • पिछले कुछ समय से पत्रकारों पर हमले और हत्या की वारदातें बढ़ गई हैं
  • कभी पत्रकार माफिया शिकार बना लेते हैं तो कभी नेता
  • यूपी, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार समेत कई राज्यों में पत्रकार की हत्या
नई दिल्ली:

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या के बाद एक बार फिर से व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. हमलावरों ने गौरी लंकेश के घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी गई. पिछले कुछ साल पर नजर डालें तो कई मौकों पर पत्रकारों की हत्या कर दी गई. हमारे देश के संविधान में पत्रकारिता को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का दर्जा दिया गया है, लेकिन हाल के कुछ वारदातों पर नजर डालें तो ऐसा लगता है कि इस पेशे से जुड़े लोगों का जीवन खतरे में है. आइए हाल के उन 12 वारदातों पर नजर डालें जिसमें पत्रकार की हत्या कर दी गई. 

  1. 13 मई 2016 को सीवान में हिंदी दैनिक हिन्दुस्तान के पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई. ऑफिस से लौट रहे राजदेव को नजदीक से गोली मारी गई थी. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है.
  2. मई 2015 में मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले की कवरेज करने गए आजतक के विशेष संवाददाता अक्षय सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. अक्षय सिंह की झाबुआ के पास मेघनगर में मौत हुई. मौत के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है.
  3. जून 2015 में मध्य प्रदेश में बालाघाट जिले में अपहृत पत्रकार संदीप कोठारी को जिंदा जला दिया गया. महाराष्ट्र में वर्धा के करीब स्थित एक खेत में उनका शव पाया गया.
  4. साल 2015 में ही उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पत्रकार जगेंद्र सिंह को जिंदा जला दिया गया. आरोप है कि जगेंद्र सिंह ने फेसबुक पर उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति वर्मा के खिलाफ खबरें लिखी थीं.
  5. साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान नेटवर्क18 के पत्रकार राजेश वर्मा की गोली लगने से मौत हो गई. 
  6. आंध्रप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार एमवीएन शंकर की 26 नवंबर 2014 को हत्या कर दी गई. एमवीएन आंध्र में तेल माफिया के खिलाफ लगातार खबरें लिख रहे थे.
  7. 27 मई 2014 को ओडिसा के स्थानीय टीवी चैनल के लिए स्ट्रिंगर तरुण कुमार की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गई.
  8. हिंदी दैनिक देशबंधु के पत्रकार साई रेड्डी की छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में संदिग्ध हथियारबंद लोगों ने हत्या कर दी थी.
  9. महाराष्ट्र के पत्रकार और लेखक नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को मंदिर के सामने उन्हें बदमाशों ने गोलियों से भून डाला.
  10. रीवा में मीडिया राज के रिपोर्टर राजेश मिश्रा की 1 मार्च 2012 को कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी. राजेश का कसूर सिर्फ इतना था कि वो लोकल स्कूल में हो रही धांधली की कवरेज कर रहे थे.
  11. मिड डे के मशहूर क्राइम रिपोर्टर ज्योतिर्मय डे की 11 जून 2011 को हत्या कर दी गई. वे अंडरवर्ल्ड से जुड़ी कई जानकारी जानते थे.
  12. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाख आवाज बुलंद करने वाले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की सिरसा में हत्या कर दी गई. 21 नवंबर 2002 को उनके दफ्तर में घुसकर कुछ लोगों ने उनको गोलियों से भून डाला.
VIDEO: पत्रकार गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या

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