नवाब मलिक ने शेयर किया 'समीर दाऊद वानखेड़े' का निकाहनामा, पत्नी ने कहा-मेरे पति झूठे नहीं

नवाब मलिक ने कहा कि सवाल तो ये हैं कि समीर वानखेड़े ने अनुसूचित जाति के फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी हासिल की और गरीब का हक मारा.

मुंबई:

मुंबई ड्रग्स मामले में जांच कर रहे एनसीबी (NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede)पर लगातार आरोप लग रहे हैं. महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) लगातार ट्वीट्स और प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उन्हें घेर रहे हैं, जिसे लेकर मंगलवार को समीर वानखेड़े की पत्नी क्रांति रेडकर ने भी बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मेरे पति झूठे नहीं हैं ईमानदार हैं. वहीं आज फिर नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने एक निकाहनामा शेयर किया है. इसके साथ उन्होंने लिखा है कि ये समीर दाऊद वानखेड़े का निकाहनामा है जो कि डॉ शबाना कुरैशी के साथ हुई थी. 7 दिसंबर 2006 को समीर दाऊद वानखेड़े और शबाना कुरैशी के बीच लोखंडवाला कॉम्पलेक्स, अंधेरी वेस्ट मुंबई में निकाह हुआ था.

इन आरोपों पर समीर वानखेड़े की पत्नी क्रांति वानखेड़े ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने पति को ईमानदार बताया और उन लगे आरोपों को झूठ. क्रांति ने कहा कि मेरे पति झूठे नहीं हैं. हम बहुत साधारण लोग हैं. मेरे पति की काम की शैली से कुछ लोगों को परेशानी हो रही है. वह बहुत ईमानदार अफसर हैं. मुझे महाराष्ट्र सरकार पर पूरा भरोसा है कि वह सच के साथ खड़ी होगी. इस मामले में हम रोज रोज प्रूफ देकर परेशान हो चुके हैं.  क्रांति ने ट्वीट करके ये भी कहा कि मैं और मेरे पति समीर जन्म से हिंदू हैं. हमने धर्म परिवर्तन कभी नहीं किया. हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. समीर के पिता भी हिंदू हैं जिन्होंने मुस्लिम महिला से शादी की. समीर की पहली शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुई थी और 2016 में तलाक हुआ था. हमारी शादी हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत 2017 में हुई थी.

इससे पूर्व नवाब मलिक ने दावा किया था कि उनके पास एक अज्ञात शख्स का खत आया है. जो खुद को एनसीबी का कर्मचारी बताता है, मगर उसने नाम नहीं लिखा. इस खत के मुताबिक- अमित शाह ही समीर वानखेड़े और अस्थाना को एनसीबी में लेकर आए. समीर वानखेड़े और केपीएस ने दीपिका जैसी बड़ी-बड़ी एक्ट्रेस से मोटा पैसा कमाया है. नवाब मलिक ने ये आरोप भी लगाया कि समीर मामले को बड़ा दिखाने के लिए कई बार रेड में मिली ड्रग्स को ज्यादा दिखाते हैं. उन्होंने साफ किया कि हमारी लड़ाई NCB से नहीं है. पिछले कई सालों में संस्था पर सवाल खड़ा नहीं हुआ. एक अधिकारी ने फर्जी सर्टिफिकेट के द्वारा नौकरी ली. मैंने बर्थ सर्टिफिकेट शेयर किया, लेकिन मैं कभी धर्म के नाम पर राजनीति नहीं करता.

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नवाब मलिक ने कहा कि सवाल तो ये हैं कि उस व्यक्ति ने अनुसूचित जाति के फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी हासिल की और गरीब का हक मारा. उसके पिता ज्ञानेश्वर वानखेड़े अनुसूचित जाति के हैं और उन्होंने मुस्लिम महिला से शादी की तो उन्होंने मुस्लिम धर्म का ही पालन किया. समीर के पिता जन्म से दलित थे, लेकिन बाद में शादी के बाद धर्म परिर्वतन किया. जब कोई मुस्लिम या किसी भी अन्य धर्म में परिवर्तन करता है, तो उसका अपने पुराने जाति से कोई लेना-देना नहीं होता है. लेकिन समीर वानखेड़े ने आरक्षण का इस्तेमाल किया.

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