अहमदाबाद:
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत को थामने में असमर्थ रहने पर केन्द्र सरकार की आलोचना करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि केन्द्र को न तो अर्थव्यवस्था की चिंता है और न ही गिरते रुपये की, उसे तो सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने की फिक्र है।
मोदी ने आज कहा, आज देश की जनता निराश है, क्योंकि सरकार को न तो अर्थव्यवस्था की परवाह है और न ही गिरते रुपये की। वह तो सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने को लेकर चिंतित है। रुपये की कीमत में गिरावट का सिलसिला आज भी जारी रहा और रुपया 98 और पैसे गिरकर 64 का आंकड़ा पार कर गया। डॉलर की बढ़ती मांग और घरेलू पूंजी बाजार में रुपये के कमजोरी के साथ खुलने के कारण 64.11 रुपये प्रति डॉलर के रिकार्ड निम्न स्तर पर कारोबार हुआ।
घरेलू मुद्रा में सोमवार को दशक की सबसे ज्यादा 148 पैसे की गिरावट आई और यह 63.13 रुपया प्रति डॉलर पर पहुंच गया।
बाजार के इन हालात के चलते मोदी ने केन्द्र पर निशाना साधा और कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा की मजबूती के लिए केन्द्र सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। भाजपा की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष ने कहा, पिछले तीन महीने में रुपये में तेजी से गिरावट आई, लेकिन सरकार ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती के लिए कोई कदम नहीं उठाया। अगर रुपया इसी तरह से गिरता रहा तो अन्य देश भारत का फायदा उठाना शुरू कर देंगे।
नेतृत्व को दिशाहीन करार देते हुए मोदी ने कहा, देश ने शायद कभी इस बात की कल्पना भी नहीं की होगी कि उसे ऐसे आर्थिक संकट से गुजरना पड़ेगा, लेकिन जब ऐसे संकट के दौरान नेतृत्व दिशाहीन हो तो ना-उम्मीदी बढ़ती है। सरकार ने लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने मुद्रास्फीति को रोक पाने में असफल रहने पर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा, पिछले पांच वर्ष के दौरान हर तीन महीने में हम सरकार से यह सुनते आ रहे हैं कि कीमतें कम होंगी, मुद्रास्फीति पर अंकुश लगेगा, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
मोदी ने आज कहा, आज देश की जनता निराश है, क्योंकि सरकार को न तो अर्थव्यवस्था की परवाह है और न ही गिरते रुपये की। वह तो सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने को लेकर चिंतित है। रुपये की कीमत में गिरावट का सिलसिला आज भी जारी रहा और रुपया 98 और पैसे गिरकर 64 का आंकड़ा पार कर गया। डॉलर की बढ़ती मांग और घरेलू पूंजी बाजार में रुपये के कमजोरी के साथ खुलने के कारण 64.11 रुपये प्रति डॉलर के रिकार्ड निम्न स्तर पर कारोबार हुआ।
घरेलू मुद्रा में सोमवार को दशक की सबसे ज्यादा 148 पैसे की गिरावट आई और यह 63.13 रुपया प्रति डॉलर पर पहुंच गया।
बाजार के इन हालात के चलते मोदी ने केन्द्र पर निशाना साधा और कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा की मजबूती के लिए केन्द्र सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। भाजपा की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष ने कहा, पिछले तीन महीने में रुपये में तेजी से गिरावट आई, लेकिन सरकार ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती के लिए कोई कदम नहीं उठाया। अगर रुपया इसी तरह से गिरता रहा तो अन्य देश भारत का फायदा उठाना शुरू कर देंगे।
नेतृत्व को दिशाहीन करार देते हुए मोदी ने कहा, देश ने शायद कभी इस बात की कल्पना भी नहीं की होगी कि उसे ऐसे आर्थिक संकट से गुजरना पड़ेगा, लेकिन जब ऐसे संकट के दौरान नेतृत्व दिशाहीन हो तो ना-उम्मीदी बढ़ती है। सरकार ने लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने मुद्रास्फीति को रोक पाने में असफल रहने पर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा, पिछले पांच वर्ष के दौरान हर तीन महीने में हम सरकार से यह सुनते आ रहे हैं कि कीमतें कम होंगी, मुद्रास्फीति पर अंकुश लगेगा, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
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