भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल बिल पर राज्यसभा में मंगलवार को बहस होगी। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी शामिल नहीं हुई। संसद का मौजूदा सत्र 20 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इस बीच, संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि लोकपाल बिल को पास कराने के लिए संसद का सत्र बढ़ाया जा सकता है।
सपा नेता रामगोपाल यादव ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, हमारी पार्टी राज्यसभा में लोकपाल विधेयक का विरोध करना जारी रखेगी और हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की ओर से संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ को इस बारे में किसी तरह के आश्वासन को मनगढंत करार देते हुए रामगोपाल ने कहा, ऐसी बात मुलायम सिंह ने नहीं कही कि समाजवादी पार्टी लोकपाल विधेयक का समर्थन करेगी। यह पूरी तरह से गलत है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सपा इस मुद्दे पर सदन की कार्यवाही बाधित करना जारी रखेगी और विधेयक को पारित नहीं होने देगी, उन्होंने कहा, मैं केवल इतना कह सकता हूं कि हम इसका विरोध करेंगे और समर्थन नहीं करेंगे। रामगोपाल ने कहा कि सपा ने राज्यसभा के सभापति को भी कोई आश्वासन नहीं दिया है कि जब विधेयक लाया जाएगा, तब वह सदन में कोई व्यवधान नहीं डालेगी। उन्होंने कहा, सभापति को कोई आश्वासन नहीं दिया गया है। अगर जरूरत पड़ी, तो हम सदन के कामकाज में बाधा डालेंगे।
समझा जाता है कि सपा प्रमुख ने सरकार के समक्ष लोकपाल विधेयक को लेकर आपत्ति व्यक्त की है और यह कहा है कि प्रस्तावित विधेयक से इस संस्थान को अभूतपूर्व शक्तियां मिल जाएंगी और अधिकारियों के लिए काम करना कठिन हो जाएगा। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव का मानना है कि भ्रष्टाचार से मुकाबला करने के लिए वर्तमान कानून को ही मजबूत करने की जरूरत है।
वहीं, रालेगण सिद्धी में अनशन कर रहे अन्ना हजारे ने साफ किया है कि जब तक बिल पास नहीं हो जाता, वह अपना अनशन नहीं खत्म करेंगे। अन्ना ने संसद में विचाराधीन लोकपाल विधेयक के कमजोर होने के आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के तर्क को खारिज करते हुए कहा है कि विधेयक के पारित होने के बाद यदि किसी को लगता है कि उसमें कुछ कमियां हैं, तो उन्हें उसके लिए अनशन करना चाहिए।
अन्ना ने कहा, मैंने विधेयक के प्रावधानों को ठीक ढंग से पढ़ा है। यदि आपको (केजरीवाल को) लगता है कि विधेयक में कुछ कमियां हैं, तो उसके लिए अनशन कीजिए। हजारे ने कहा कि विधेयक से उनकी कई उम्मीदें पूरी हो गई हैं और जो विधेयक राज्यसभा में लाया गया है, उससे वह संतुष्ट हैं। लोकपाल विधेयक पर झुकने की खबर को मनगढंत बताते हुए समाजवादी पार्टी ने सोमवार को कहा कि जब इस विधेयक को मंगलवार को राज्यसभा में लाया जाएगा, तब वह इसका विरोध करेगी।
(इनपुट भाषा से भी)
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