115 करोड़ खर्च होने के बाद भी पटना में गांधी सेतु की स्थिति खराब

गांधी सेतु की फोटो (यूट्यूब वीडियो का ग्रैब)

पटना:

बिहार में एक बड़ी आबादी की जीवनरेखा माने जाने वाले गंगा नदी पर बने करीब छह किलोमीटर लम्बे ‘महात्मा गांधी सेतु’ की मरम्मत पर पिछले एक दशक में करीब 115 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं और आज भी मरम्मत का काम जारी है।

सूचना का अधिकार कानून के तहत केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2005-2006 से अब तक 10 वर्षों में पटना के पास गंगा नदी पर निर्मित महात्मा गांधी सेतु की मरम्मत के लिए करीब 192 करोड़ रुपये आवंटित किए गए और इसमें से लगभग 115 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।

मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान बिहार में गंगा नदी के ऊपर नए पुल के निर्माण के लिए भारत सरकार को बिहार सरकार से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।

करीब छह किलोमीटर लम्बा गांधी सेतु 1982 में बना था और तब इसके निर्माण पर 82 करोड़ रुपये खर्च आया था। हालांकि एक दशक में इसकी मरम्मत पर 115 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है।

आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस पुल के कई खम्भे खराब स्थिति में थे जिनकी मरम्मत के लिए 2005 के बाद से ही समय-समय पर धन आवंटित किया गया।

महात्मा गांधी सेतु के पुनर्निमाण की काफी समय से मांग की जा रही है। हाल ही में प्रदेश सरकार ने गांधी सेतु के समानांतर एक अन्य पुल के निर्माण की घोषणा की है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2013-14 में गांधी सेतु की मरम्मत के लिए 22.72 करोड़ रुपये आवंटित किए गए और इसके लिए लेटर ऑफ अवार्ड जारी किया गया है।

पुल के खम्भा संख्या 44 के सुपर स्ट्रक्चर के निर्माण के लिए 2012 में 33.56 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, अब तक 4.67 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और कार्य प्रगति पर है।

पटना स्थित आरटीआई कार्यकर्ता अभिषेक ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से बिहार में गंगा नदी पर निर्मित गांधी सेतु के मरम्मत पर हुए खर्च समेत अन्य जानकारी मांगी थी। आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार 2012 में पुल के कुछ अन्य खम्भों के ऊपर मरम्मत कार्य के लिए 29.39 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे और अब तक 16.47 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं और मरम्मत का कार्य अभी जारी है।

साल 2010 में पुल की मरम्मत के लिए 23.81 करोड़ रुपये आवंटित किए गए और 22.52 करोड़ रुपये खर्च हुए। 2009 में 13.71 करोड़ रुपये आवंटित हुए और 11.27 करोड़ रुपये खर्च हुए। साल 2009 में ही अलग अलग मदों में करीब 73 करोड़ रुपये आवंटित हुए और 64 करोड़ रुपये खर्च हुए। साल 2008 में गांधी सेतु की मरम्मत पर 13.39 करोड़ आवंटित हुए और 11.64 करोड़ रुपये खर्च हुए।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, साल 2007 में गांधी सेतु की मरम्मत के लिए 1.32 करोड़ रुपये और 1.58 करोड़ रुपये आवंटित हुए और 1.14 करोड़ रुपये एवं 1.20 करोड़ रुपये खर्च हुए। साल 2006 में गांधी सेतु की मरम्मत पर 70 लाख रुपये आवंटित हुए और 41 लाख रुपये खर्च हुए। साल 2005 में गांधी सेतु की मरम्मत पर 2.56 करोड़ आवंटित हुए और 2.05 करोड़ रुपये खर्च हुए।