देश के दस राज्यों में फैली तीन लोकसभा और 33 विधानसभा सीटों पर आज हुए उपचुनाव में सामान्य से लेकर भारी मतदान हुआ। इस उपचुनाव को मई में केंद्र सत्ता में आई नरेंद्र मोदी सरकार की लोकप्रियता की एक और परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है।
तीन लोकसभा क्षेत्रों वड़ोदरा (गुजरात), मैनपुरी (उत्तर प्रदेश) जहां समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई के पोते तेज प्रताप सिंह यादव मैदान में हैं और मेडक (तेलंगाना) जहां भाजपा का सत्तारूढ़ टीआरएस से सीधा मुकाबला है, वहां क्रमश: 49, 56 और 67 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।
जहां उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर 53 फीसदी मतदान हुआ, वहीं गुजरात की नौ विधानसभा सीटों पर 49 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। उत्तर प्रदेश में भाजपा और उसकी सहयोगी अपना दल सभी 11 सीटों पर चुनाव जीतने की उम्मीद लगाए हुए हैं, वहीं गुजरात में इस उपचुनाव को नरेंद्र मोदी की उत्तराधिकारी आनंदी बेन पटेल के लिए चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है।
वहीं राजस्थान की चार विधानसभा सीटों पर 66 फीसदी मतदान हुआ, जबकि पश्चिम बंगाल की बशीरहाट दक्षिण और चौरंगी विधानसभा सीटों पर क्रमश: 79.59 और 47.13 फीसदी मतदान हुआ। छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित कांकेर जिले के अनंतगढ़ में 50 फीसदी मतदान हुआ, जबकि असम की तीन विधानसभा सीटों पर 70 फीसदी मतदान हुआ। वहीं त्रिपुरा की मनु सीट पर 87 फीसदी मतदान हुआ।
आंध्र प्रदेश की नंदीगाम विधानसभा सीट पर 68 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। वहां तेदेपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। इन सीटों पर वोटों की गिनती 16 सितंबर को होने वाली है।
उत्तर प्रदेश में भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की साख दांव पर है। वहां लोकसभा चुनाव में 80 में से ज्यादातर सीटें भाजपा ने अपनी झोली में डाल ली थीं।
मैनपुरी सीट मुलायम सिंह यादव के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। यह सीट मुलायम सिंह यादव के मैनपुरी और आजमगढ़ सीट पर जीतने के बाद आजमगढ़ सीट को अपने पास रखने के बाद खाली हुई थी। उत्तर प्रदेश के उपचुनाव भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए भी चुनौती हैं, क्योंकि लोकसभा चुनाव में पार्टी की शानदार सफलता के पीछे उन्हें मुख्य रणनीतिकार माना जाता है।
मैनपुरी में बसपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। इससे सपा के तेज प्रताप सिंह यादव और भाजपा के शिव सिंह शाक्य के बीच सीधा मुकाबला है।
जहां लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली बसपा उत्तर प्रदेश में यह उपचुनाव नहीं लड़ रही है, वहीं कांग्रेस और सपा ने सभी 11 विधानसभा सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं और भाजपा वहां 10 और उसकी सहयोगी अपना दल एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव लड़ रही है।
उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजे इस बात का इशारा करेंगे कि 2017 में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनैतिक बयार किस ओर बह रही है।
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