MNS में राज ठाकरे पर ही फूटा हार का ठीकरा, ट्विटर पर नेता को याद दिलाया गया उन्हीं का बयान

MNS में राज ठाकरे पर ही फूटा हार का ठीकरा, ट्विटर पर नेता को याद दिलाया गया उन्हीं का बयान

राज ठाकरे की पार्टी का महाराष्ट्र चुनाव में खराब प्रदर्शन रहा (फाइल फोटो)

खास बातें

  • MNS सदस्यों ने राज ठाकरे को पार्टी की लगातार हार के लिए जिम्मेदार ठहराया
  • संदीप देशपांडे और अमेय खोपकर ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की है
  • पहली बार राज ठाकरे से नेताओं ने आखों में आंखें डालकर बात की
मुंबई:

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बाद MNS अध्यक्ष राज ठाकरे दूसरे ऐसे नेता बने हैं जिन्हें पार्टी की करारी हार के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) में चल रही बैठकों के दौर में नेताओं ने सीधे पार्टी आलाकमान राज ठाकरे को ही पार्टी की लगातार होती करारी हार के लिए जिम्मेदार ठहराया है.

पार्टी प्रवक्ता संदीप देशपांडे और पाकिस्तानी कलाकारों के खिलाफ़ MNS की मुहिम के अग्रणी नेता अमेय खोपकर ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की है. इन नेताओं ने ट्वीट से आलाकमान राज ठाकरे को उन्हीं के एक बयान की याद दिलाई है जिसमें सतत सकारात्मक बदलाव को राज ठाकरे ने प्रगति की निशानी बताया था. कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने यह ट्वीट रिट्वीट किया है. जिसके बाद राज ठाकरे ने दोनों नेताओं को खुलासा करने के आदेश दिए हैं.

इससे पहले गुरुवार को मुम्बई में हुई बैठक में ऐसा पहली बार हुआ कि MNS अध्यक्ष राज ठाकरे से नेताओं ने आखों में आंखें डाल कर बात की. पार्टी के दूसरी पंक्ति के उपाध्यक्ष बाला नांदगांवकर ने 60 मुद्दों के आधार पर पार्टी की सिलसिलेवार कमियां गिनवाई. सूत्र बताते हैं कि इस कवायद के दौरान नेताओं ने राज ठाकरे के सिर हार का ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि वे कई मसलों पर न भूमिका लेते हैं न ही गद्दारों के खिलाफ़ कारवाई करते हैं. नेताओं ने सुझाव दिया कि मुम्बई की बदली स्थिति को भांपकर MNS को मराठी के अलावा अन्य भाषिक वोटरों को भी अपनाना होगा.

बताया जाता है कि, नेताओं से आमने सामने ऐसी बातें सुनने के आदी न रहे राज ठाकरे ने जवाबी हमला करते हुए नेताओं को पूछा कि आखिर वे पार्टी का एजेंडा आगे ले जाने में क्यों नाकामयाब हो रहे हैं. राज बोले कि वे मराठी का एजेंडा हरगिज़ नहीं छोड़ेंगे. जाते जाते वे नेताओं की क्षमता पर तंज कसने से नहीं चूके. राज ने पूछा कि आखिर उनके अलावा किस नेता के भाषण का जनमानस पर प्रभाव पड़ता है?

मीडिया में इन खबरों के उछलने के बाद पार्टी उपाध्यक्ष बाला नांदगांवकर ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि वे बैठक की अंदरूनी जानकारी सार्वजनिक करनेवालों के खिलाफ़ पार्टी सख्त कार्रवाई करने का प्रस्ताव पारित करने जा रहे हैं. राज ठाकरे ने शिवसेना से अलग होकर 9 मार्च 2006 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की स्थापना की थी. इस पार्टी का 2014 में बहुत बुरा प्रदर्शन रहा. लोकसभा में उनके सभी उम्मीदवार अपनी जमानत जब्त कर बैठे और विधानसभा में पार्टी का सिर्फ एक विधायक चुनकर आया. जबकि BMC की प्रतिष्ठा की लड़ाई में MNS 5वें पायदान पर खिसक गई है.


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