
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारत ने पीपीई और एन95 मास्क की उत्पादन क्षमता में खासी वृद्धि की है और प्रतिदिन दोनों की तीन-तीन लाख इकाइयों का निर्माण किया जा रहा है. इसके साथ ही सख्त निर्देशों के जरिए उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है. कुछ नयी खबरों में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) की गुणवत्ता को लेकर चिंता व्यक्त किए जाने के बाद यह बयान आया है.मंत्रालय ने कहा, "मीडिया के एक हिस्से में निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) की गुणवत्ता को लेकर चिंता जतायी गयी है.'' मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि उन खबरों में जिन उत्पादों का जिक्र किया गया है, उनका केंद्र सरकार द्वारा की जा रही खरीद से कोई संबंध नहीं है.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एचएलएल लाइफकेयर अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा संगठनों के लिए खरीद करने वाली एजेंसी है.मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण के लिए कपड़ा मंत्रालय द्वारा नामित आठ प्रयोगशालाओं में से एक द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद ही पीपीई निर्माताओं या आपूर्तिकर्ताओं से खरीदे जा रहे हैं.मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय की तकनीकी समिति द्वारा निर्धारित परीक्षण में उन उत्पादों के योग्य होने के बाद ही उनकी खरीद की गई है.
मंत्रालय ने कहा कि एचएलएल भी औचक रूप से नमूने ले रहा है जिसके लिए परीक्षण निर्देश तैयार किया गया है. इसके साथ ही जांच में नाकाम रहने पर कंपनी को किसी भी आपूर्ति के लिए अयोग्य घोषित किया जा रहा है.
इसमें कहा गया है कि राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के साथ-साथ केंद्रीय संस्थानों को करीब 111.08 लाख एन95 मास्क और लगभग 74.48 लाख पीपीई प्रदान किए गए हैं.
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