फाइल फोटो
मुंबई:
आम आदमी पार्टी से निष्कासित नेताओं प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के प्रति अपना समर्थन दिखाते हुए महाराष्ट्र के 350 आप कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली इस पार्टी में 'लोकतंत्र की हत्या' के विरोध में इस्तीफा दे दिया।
आप की महाराष्ट्र इकाई की प्रदेश कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य मारुति भापकर ने कहा, '350 कार्यकर्ताओं और नेताओं ने आप से इस्तीफा दिया और यह आंकड़ा बढ़ सकता है, जब हम आप में लोकतंत्र की हत्या के बारे में लोगों को जागरूक बनाएंगे।'
भापकर ने पुणे में सामूहिक इस्तीफा कार्यक्रम की अगुवाई की। उन्होंने कहा, 'हम देश भर में स्वराज की अवधारणा सच्चे अर्थों में बनाए रखने में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण का हाथ मजबूत करने के लिए अब उनके साथ हैं।' उन्होंने कहा, 'आप तथाकथित नेता अरविंद केजरीवाल की संवेदनशीलता के बारे में सोच सकते हैं, जिनकी आंखों के सामने एक किसान मर गया और वह राजनीतिक भाषण देते रहे।'
भापकर ने कहा, 'न सिर्फ पुणे बल्कि मुंबई, नासिक, पिंपड़ी-चिंचवाड़, औरंगाबाद, नवी मुंबई आदि स्थानों से भी कार्यकर्ता आप से इस्तीफा देने के लिए पुणे आए थे।' हालांकि एक वरिष्ठ आप नेता ने इन इस्तीफों को कमतर आंकते हुए कहा कि इससे पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रवि श्रीवास्तव ने कहा, 'महज मुट्ठीभर पार्टी कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं और उनमें कोई वरिष्ठ नेता या कार्यकर्ता शामिल नहीं हैं। मैं नहीं समझता कि इससे पार्टी पर कोई असर पड़ेगा।'
वहीं आप के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष वारे से इस बारे में संपर्क नहीं हो पाया, क्योंकि वह अहमदनगर में जिला कार्यकर्ताओं की एक बैठक कर रहे थे।
आप की महाराष्ट्र इकाई की प्रदेश कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य मारुति भापकर ने कहा, '350 कार्यकर्ताओं और नेताओं ने आप से इस्तीफा दिया और यह आंकड़ा बढ़ सकता है, जब हम आप में लोकतंत्र की हत्या के बारे में लोगों को जागरूक बनाएंगे।'
भापकर ने पुणे में सामूहिक इस्तीफा कार्यक्रम की अगुवाई की। उन्होंने कहा, 'हम देश भर में स्वराज की अवधारणा सच्चे अर्थों में बनाए रखने में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण का हाथ मजबूत करने के लिए अब उनके साथ हैं।' उन्होंने कहा, 'आप तथाकथित नेता अरविंद केजरीवाल की संवेदनशीलता के बारे में सोच सकते हैं, जिनकी आंखों के सामने एक किसान मर गया और वह राजनीतिक भाषण देते रहे।'
भापकर ने कहा, 'न सिर्फ पुणे बल्कि मुंबई, नासिक, पिंपड़ी-चिंचवाड़, औरंगाबाद, नवी मुंबई आदि स्थानों से भी कार्यकर्ता आप से इस्तीफा देने के लिए पुणे आए थे।' हालांकि एक वरिष्ठ आप नेता ने इन इस्तीफों को कमतर आंकते हुए कहा कि इससे पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रवि श्रीवास्तव ने कहा, 'महज मुट्ठीभर पार्टी कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं और उनमें कोई वरिष्ठ नेता या कार्यकर्ता शामिल नहीं हैं। मैं नहीं समझता कि इससे पार्टी पर कोई असर पड़ेगा।'
वहीं आप के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष वारे से इस बारे में संपर्क नहीं हो पाया, क्योंकि वह अहमदनगर में जिला कार्यकर्ताओं की एक बैठक कर रहे थे।
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