
- एफ-35बी लाइटनिंग-2 विमान पिछले 18 दिनों से तिरुवनंतपुरम में खड़ा है.
- केरल टूरिज्म ने सोशल मीडिया पर इस विमान को लेकर मजेदार प्रचार किया है.
- लिखा कि केरल इतनी अद्भुत जगह है कि मेरा यहां से जाने का मन ही नहीं कर रहा.
- भारत ने विमान को हैंगर में रखने का प्रस्ताव दिया था, पर ब्रिटेन राजी नहीं है.
दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू विमानों में से एक, एफ-35बी लाइटनिंग-2 विमान पिछले 18 दिनों से केरल में तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर खड़ा है. ब्रिटेन के इस खतरनाक विमान को लेकर केरल टूरिज्म ने ऐसा ट्वीट किया, जो लोगों में चर्चा का विषय बन गया है. केरल टूरिज्म ने केरल में इस विमान के ग्राउंड होने पर दिलचस्प अंदाज में मजे लेते हुए अपना प्रचार कर दिया है.
केरल टूरिज्म ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अंग्रेजी में पोस्ट किया. इसमें रनवे पर खड़े एफ-35बी विमान की एआई जेनरेटेड तस्वीर लगी है. पीछे नारियल के हरे-भरे पेड़ नज़र आ रहे हैं. मैसेज में लिखा है- Kerala is such an amazing place, I don't want to leave. Definitely recommend.” (केरल इतनी अद्भुत जगह है कि मेरा तो यहां से जाने का मन ही नहीं कर रहा. निश्चित रूप से मैं इस जगह को रिकमेंड करता हूं.)
Kerala, the destination you'll never want to leave.
— Kerala Tourism (@KeralaTourism) July 2, 2025
Thank you, The Fauxy.#F35 #Trivandrum #KeralaTourism pic.twitter.com/3lei66a5T2
केरल टूरिज्म ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा- Kerala, the destination you'll never want to leave. Thank you, The Fauxy. (केरल ऐसी जगह है, जिसे आप कभी छोड़कर नहीं जाना चाहेंगे. धन्यवाद . द फॉक्सी). इस तरह केरल टूरिज्म ने अनोखे अंदाज में अपने पर्यटन का प्रचार किया है.
5वीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट
एफ-35बी कोई आम विमान नहीं है. पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट है, जिसे अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है. इसे दुनिया के सबसे आधुनिक और खतरनाक लड़ाकू विमानों में गिना जाता है. अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, इटली और इजरायल जैसे देश इस फाइटर जेट का इस्तेमाल करते है. बताते हैं, अमेरिका और इज़राइल ने ईरान के खिलाफ भी इस लड़ाकू विमान का इस्तेमाल किया था.
14 जून की रात से भारत में ग्राउंडेड
रॉयल नेवी का यह फाइटर जेट 14 जून की रात करीब 9.30 बजे से भारत में ग्राउंडेड है. इस विमान के पायलट ने ईंधन की कमी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति मांगी थी, लेकिन तकनीकी खराबी की वजह से अब ये उड़ान नहीं भर पा रहा है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने न सिर्फ लैंडिंग में मदद की बल्कि विमान की मरम्मत और उसकी वापसी के लिए सभी आवश्यक तकनीकी एवं लॉजिस्टिक सपोर्ट भी प्रदान किए.
रॉयल नेवी की टीम ठीक करने आएगी
ब्रिटेन की रॉयल नेवी की एक टेक्निकल टीम हेलीकॉप्टर के जरिए तिरुवनंतपुरम पहुंची. काफी प्रयास के बावजूद विमान की तकनीकी खामी को पूरी तरह दूर नहीं किया जा सका है. इसकी वजह से ये विमान अब तक भारत में ही खड़ा है. अब कहा जा रहा है कि ब्रिटिश रॉयल नेवी की दूसरी टीम विमान की खराबी को दूर करने आएगी.
भारत ने की मदद की पेशकश
वैसे भारत ने ब्रिटेन को यह प्रस्ताव दिया था कि अगर वह चाहे तो हैंगर में अपने विमान को रख सकता है, लेकिन ब्रिटेन ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया क्योंकि उसे डर था कि हैंगर में होने पर वह विमान की ठीक से निगरानी नहीं कर पाएगा और कहीं भारत विमान से जुड़ी खुफिया जानकारी हासिल ना कर ले.
इस एफ-35बी विमान को लेकर दावा किया जाता है कि इसे रडार पकड़ नहीं पाते. बावजूद इसके, भारतीय वायुसेना की इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) ने एफ-35 को डिटेक्ट कर लिया था. यह भारतीय सुरक्षा प्रणाली की ताकत को दर्शाता है.
बहुत खास है ये एफ-35बी फाइटर
यह विमान ब्रिटेन के HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है. हाल ही में इसने भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास में हिस्सा लिया था. यह सिंगल इंजन एयरक्राफ्ट है जो लगभग 2,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. यह कम दूरी के रनवे से टेकऑफ कर सकता है. यहां तक कि हेलीकॉप्टर की तरह वर्टिकल टेकऑफ करने में भी सक्षम है. यह एक साथ कई टारगेट को ट्रैक करके उन्हें निशाना बना सकता है.
यह सही है कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश अपने ऐसे ‘गेमचेंजर' विमान को किसी तीसरे देश में यूं ही नहीं छोड़ते. लेकिन इसका इतने दिनों तक भारत में खड़ा रहना कई अहम सवाल जरूर खड़े करता है. अब केरल टूरिज्म ने इसे अपने प्रचार का जरिया बना लिया है. विभाग के इस यूनीक आइडिया की सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है.
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