
मनीष तिवारी ने इससे पहले पीएम मोदी पर तंज कसते हुये कहा था- मेरा भाषण ही मेरा प्रशासन है
नई दिल्ली:
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के मंत्रियों की एक-दूसरे के मंत्रालयों के लिए संवाददाता सम्मेलन करने पर चुटकी लेते हुए कहा कि कोई भी मंत्री अपने मंत्रालय के कामकाज के बारे में बात नहीं कर रहा, लगता है कि सामूहिक जिम्मेदारी को फिर से परिभाषित किया गया है. मनीष ने ट्वीट कर कहा, "यह वास्तव में मजेदार सरकार है. वित्त मंत्री (अरुण जेटली) कानूनी मामलों पर फेसबुक पोस्ट लिखते हैं, कानून मंत्री (रविशंकर प्रसाद) रक्षा मामलों पर कॉन्फ्रेंस करते हैं और रक्षा मंत्री (निर्मला सीतारमण) वित्त मामलों पर. कोई भी मंत्री अपने मंत्रालय के कामकाज के बारे में बात नहीं करता. सामूहिक जिम्मेदारी को फिर से परिभाषित किया गया है."
मनीष तिवारी का ट्वीट
मोदी सरकार के चार साल पर इस नेता ने ली चुटकी, कहा- 'मेरा भाषण ही मेरा प्रशासन है'
मनीष ने यह टिप्पणी जेटली द्वारा अपने ब्लॉग पेज पर न्यायिक प्रक्रिया संबंधी पोस्ट किए जाने के बाद की है. गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने न्यायिक नियुक्ति की सिफारिश को विचारार्थ कालेजियम के लिये वापस भेजे जाने के सरकार के निर्णय पर हाय तौबा मचाने के लिये आज कांग्रेस पार्टी की आलोचना की. जेटली ने याद दिलाया कि किस प्रकार से अतीत में न्यायाधीशों की वरीयता क्रम का उल्लंघन किया गया और फैसलों को प्रभावित करने के प्रयास किये गए. अरूण जेटली का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने के उच्चतम न्यायालय कालेजियम की सिफारिश को वापस लौटा दिया था.
वीडियो : जस्टिस जोसेफ पर रस्साकसी
जेटली ने लिखा, ‘‘सरकार के एक मामले को वापस लौटाने को लेकर कांग्रेस पार्टी में मेरे मित्रों ने हाय तौबा मचाना शुरू किया. यह एक निर्वाचित सरकार की काफी कम की गई भूमिका का हिस्सा है कि उपयुक्त बातें कालेजियम के संज्ञान में लाई जाएं.’’ उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक जवाबदेही के अनुरूप है. सभी को यह पता होना चाहिए कि यह इतिहास का एक महत्वपूर्ण पाठ है. ‘मैंने यह ब्लाग लिखा है ताकि कांग्रेस पार्टी के मेरे मित्रों को आइना देखने का मौका मिल सके। ’’ जेटली ने अपने ब्लाग में अतीत के कई ऐसे उदाहरण पेश किये जब उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की वरीयता क्रम का उल्लंघन किया गया था और किस प्रकार से उच्चतम न्यायालय की सिफारिशों को दरकिनार किया गया था.
इनपुट : एजेंसी से भी
मनीष तिवारी का ट्वीट
This is indeed a funny Government- Finance Minister writes Facebook posts on legal affairs,Law Minister holds Presser‘s on Defense Affairs & the Defence Minister holds forth on Finance Affairs. No Minister talks about own Ministries Affairs. Collective Responsibility redifined !!
— Manish Tewari (@ManishTewari) June 10, 2018
मोदी सरकार के चार साल पर इस नेता ने ली चुटकी, कहा- 'मेरा भाषण ही मेरा प्रशासन है'
मनीष ने यह टिप्पणी जेटली द्वारा अपने ब्लॉग पेज पर न्यायिक प्रक्रिया संबंधी पोस्ट किए जाने के बाद की है. गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने न्यायिक नियुक्ति की सिफारिश को विचारार्थ कालेजियम के लिये वापस भेजे जाने के सरकार के निर्णय पर हाय तौबा मचाने के लिये आज कांग्रेस पार्टी की आलोचना की. जेटली ने याद दिलाया कि किस प्रकार से अतीत में न्यायाधीशों की वरीयता क्रम का उल्लंघन किया गया और फैसलों को प्रभावित करने के प्रयास किये गए. अरूण जेटली का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने के उच्चतम न्यायालय कालेजियम की सिफारिश को वापस लौटा दिया था.
वीडियो : जस्टिस जोसेफ पर रस्साकसी
जेटली ने लिखा, ‘‘सरकार के एक मामले को वापस लौटाने को लेकर कांग्रेस पार्टी में मेरे मित्रों ने हाय तौबा मचाना शुरू किया. यह एक निर्वाचित सरकार की काफी कम की गई भूमिका का हिस्सा है कि उपयुक्त बातें कालेजियम के संज्ञान में लाई जाएं.’’ उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक जवाबदेही के अनुरूप है. सभी को यह पता होना चाहिए कि यह इतिहास का एक महत्वपूर्ण पाठ है. ‘मैंने यह ब्लाग लिखा है ताकि कांग्रेस पार्टी के मेरे मित्रों को आइना देखने का मौका मिल सके। ’’ जेटली ने अपने ब्लाग में अतीत के कई ऐसे उदाहरण पेश किये जब उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की वरीयता क्रम का उल्लंघन किया गया था और किस प्रकार से उच्चतम न्यायालय की सिफारिशों को दरकिनार किया गया था.
इनपुट : एजेंसी से भी
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