
जब किसान अपनी परेशानी लेकर अधिकारी के पास गए तो उन्होंने खेती छोड़ने की दी सलाह
भोपाल:
पूरे देश के किसान दिल्ली में कूच कर रहे हैं, लेकिन नेता-अफसरशाही को शायद लगता है ये सिर्फ सियासत है और वो अन्नदाता की पूरी मदद कर रहे हैं. ये भूलकर कि पिछले 10 साल में अकेले मध्यप्रदेश में 11000 से ज्यादा किसान खुदकुशी कर चुके हैं. वहीं किसानों को लेकर अधिकारियों की सवेदनहीनता का एक और मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है. जहां एडिशनल चीफ सेक्रेटरी राधेश्याम किसानों को खेती छोड़कर मजदूरी करने या फिर सरपंच का चुनाव लड़ने की नसीहत दे डाली. आपको बता दें कि किसान उनके पास अपने परेशानी लेकर गए थे.
कर्ज माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर रामलीला मैदान से किसानों का मार्च शुरू
इससे पहले मध्य प्रदेश में नरसिंहपुर जिले के इमझीरी डींगसरा गांव में 22 साल के रंजीत सिलावट ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली. उसकी दलहन की खेती डूब गई और पिता कैंसर से पीड़ित हैं. ऐसे में कर्ज का बोझ फंदा बनकर रंजीत के गले में फंस गया.
किसानों की दिक्कत समझने एडिश्नल चीफ सेक्रेट्री राधेश्याम जुलानिया खुजनेर मंडी पहुंचे थे लेकिन वहां उनके बयान से सरकार की दिक्कतें और बढ़ सकती हैं. एसीएस राधेश्याम जुलानिया ने किसान से कहा कि सरकार तुम्हारे लिये काम कर रही है अगर नहीं हो रहा तो नरेगा में मजदूरी का काम खुला है वो कर लो या सरपंच का चुनाव लड़ लो उसमें ज्यादा कमाई है.
कर्ज से परेशान होकर मध्य प्रदेश के एक किसान ने की खुदकुशी
किसान को झिड़कने के मुद्दे पर तो जुलानिया ने कुछ नहीं कहा, मैसेज के जरिये सिर्फ अपनी सफाई में इतना बताया कि छोटे और सीमांत किसान नरेगा के तहत जॉब कार्ड के लिए पात्र हैं. सरकार किसानों की मदद के लिए हर संभव कदम उठा रही है लेकिन अगर किसी के पास पर्याप्त काम नहीं है, तो सरकार ने नरेगा के तहत मजदूरी की गारंटी दी है, जो कि सभी सीमांत और छोटे किसानों के लिए उपलब्ध है. अपनी आय में वृद्धि करने के लिए वो नरेगा के तहत मजदूरी का लाभ ले सकता है.
बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि कांग्रेस ने भावांतर को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की जिससे आक्रोश हुआ जिसमें उस व्यक्ति ने एसीएस से चर्चा की. उन्होंने कहा कि अधिकारी को चाहिये था संभाल लेते, इस तरह का जवाब नहीं देते.
VIDEO: रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक किसानों का विरोध मार्च
कांग्रेस प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा कि जिस ढंग से ग्रामीण जनों को जुलानिया जिन्हें मुख्यमंत्री का सरंक्षण मिला है, सीधे तौर पर मुख्यमंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए माफी मांगनी चाहिए.
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किसान को झिड़कने के मुद्दे पर तो जुलानिया ने कुछ नहीं कहा, मैसेज के जरिये सिर्फ अपनी सफाई में इतना बताया कि छोटे और सीमांत किसान नरेगा के तहत जॉब कार्ड के लिए पात्र हैं. सरकार किसानों की मदद के लिए हर संभव कदम उठा रही है लेकिन अगर किसी के पास पर्याप्त काम नहीं है, तो सरकार ने नरेगा के तहत मजदूरी की गारंटी दी है, जो कि सभी सीमांत और छोटे किसानों के लिए उपलब्ध है. अपनी आय में वृद्धि करने के लिए वो नरेगा के तहत मजदूरी का लाभ ले सकता है.
बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि कांग्रेस ने भावांतर को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की जिससे आक्रोश हुआ जिसमें उस व्यक्ति ने एसीएस से चर्चा की. उन्होंने कहा कि अधिकारी को चाहिये था संभाल लेते, इस तरह का जवाब नहीं देते.
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कांग्रेस प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा कि जिस ढंग से ग्रामीण जनों को जुलानिया जिन्हें मुख्यमंत्री का सरंक्षण मिला है, सीधे तौर पर मुख्यमंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए माफी मांगनी चाहिए.
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