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This Article is From Jan 06, 2021

फार्मा कंपनी से कैसे आप तक पहुंचेगी कोरोना वैक्सीन? कहां होगा भंडारण? जानिए- टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया

सरकार के मुताबिक वैक्सीन निर्माता कंपनियों से वैक्सीन हवाई जहाज के जरिए देश के चार स्थानों पर बने प्राइमरी वैक्सीन स्टोर (GMSD) में ले जाए जाएंगे. देश में ऐसे स्टोर करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में बनाए गए हैं.

टीकाकरण अभियान की सफलता और उसके सुचारू रूप से क्रियान्वयन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विस्तृत रूप रेखा बनाई है.

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण पर काबू पाने का वक्त अब आ चुका है. भारत में भी दो वैक्सीन को आपातकाल इस्तेमाल की इजाजत मिल चुकी है. अब चंद दिनों में ये टीके लोगों को लगने शुरू हो जाएंगे. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पहले चरण में हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर को टीके लगाए जाएंगे. टीकाकरण अभियान की सफलता और उसके सुचारू रूप से क्रियान्वयन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने विस्तृत रूप रेखा बनाई है. इसके तहत यह निर्धारित किया गया है कि वैक्सीन के उत्पादन से लेकर टीका लगाने तक क्या प्रोटोकॉल होंगे?

सरकार के मुताबिक वैक्सीन निर्माता कंपनियों से वैक्सीन हवाई जहाज के जरिए देश के चार स्थानों पर बने प्राइमरी वैक्सीन स्टोर (GMSD) में ले जाए जाएंगे. देश में ऐसे स्टोर करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में बनाए गए हैं. वहां से वैक्सीन आगे रिफ़रिजरेटेड/इंसुलेटेड वैन के जरिए राज्यों में बने स्टेट वैक्सीन स्टोर तक पहुंचाया जाएगा. देश में ऐसे 37 स्टोर हैं.

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वहां से ये वैक्सीन रिफ़रिजरेटेड/इंसुलेटेड वैन के जरिए जिलों में स्थापित डिस्ट्रिक्ट वैक्सीन स्टोर तक फिर प्राइमरी हेल्थ सेंटर तक पहुंचाए जाएंगे. यहां तक रिफ़रिजरेटेड/इंसुलेटेड वैन का इस्तेमाल होगा. इसके बाद वैक्सीन करियर के जरिए टीके सब सेंटर सेशन साइट यानी जहां टीकाकरण होना है, वैसे केंद्र तक पहुंचाया जाएगा. वहां रजिस्टर्ड लाभार्थियों को टीके लगाए जाएंगे.

टीका लगने के बाद लाभार्थी को एक डिजिटल रसीद दी जाएगी. उस पर एक यूनिक हेल्थ आईडी भी दिया जाएगा जिसमें QR कोड आधारित सर्टिफिकेट भी होगा. वैक्सीनेशन के बाद उसके किसी भी प्रकार के कुप्रभाव की सूचना के लिए एक डैशबोर्ड भी बनाया गया है, ताकि लोगों को उसकी जानकारी मिल सके.

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फिलहाल हेल्थ वर्कर या फ्रंटलाइन वर्कर का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा. वे पहले से ही चिन्हित हैं. इनके अलावा इच्छुक लोग अपना रजिस्ट्रेशन Co-WIN वेबसाइट पर कर सकते हैं. इसके लिए अपना आधार कार्ड नंबर भी देना. को-विन एप पर अप्लाय करने के बाद वहीं से लाभार्थियों को टीका देने का सेशन तय किया जाएगा. इसी ऐप पर यूनिक आईडी भी जेनरेट होगा. इसी ऐप पर टीके के बुरे असर की सूचना भी दी जाएगी. इस ऐप के जरिए 12 भाषाओं में एसएमएस से संदेश भेजे जाएंगे. यहां 24x7 हेल्पलाइन भी काम करेगी. इसके लिए 90 हजार वर्कर्स को ट्रेनिंग दी गई है.

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