विज्ञापन
This Article is From Jan 24, 2018

कर्नाटक : पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के साथ एक ही मंच पर बैठने से किया इनकार

अफवाहों का बाजार गर्म है कि बीजेपी और जेडीएस  किसी गुप्त समझौते के काफी नज़दीक है जिसके तहत उन सीटों पर जेडीएस मज़बूत उम्मीदवार खड़े करेगी जहां कांग्रेस की पकड़ मजबूत है.

कर्नाटक : पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के साथ एक ही मंच पर बैठने से किया इनकार
(फाइल फोटो)
नई दिल्ली: चर्चा गर्म है कि चुनावों से ठीक पहले कर्नाटक में बीजेपी और जेडीएस क़रीब आ रहे हैं. पहले भी दोनों पार्टियां ससझ सरकार कर्नाटक में 2005 में बना चुकी हैं. ऐसे में जेडीएस सुप्रीमो देवगौड़ा का ये एलान की 7 फरवरी को लार्ड महावीर के मस्तकाभिषेक कर्यक्रम में वो मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के साथ मंच पर नही बैठेंगे इस अफवाह को और बल दे रहा है. दरअसल 7 फरवरी को हासन ज़िले के श्रवणबेलगोला में भगवान महावीर का मस्तकाभिषेक कर्यक्रम है जिसमे राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री दोनों के आने की संभावना है. लेकिन देवगौड़ा ने कर्यकर्कम के दौरान उस किसी भी मंच पर बैठेंगे से इनकार किया है जिसपर मुख्यमंत्री सिद्दरामैया बैठेंगे.

देवगौड़ा ने कहा कि 'मैंने अपने जीवन में इससे बेकार सरकार नही देखी, 7 फरवरी को राष्ट्रपति आ रहे हैं, अब आने वाले नए DC इतने कम समय में कैसे काम कर पाएंगे, किसी मंत्री को पैसा बनाना है इसीलिए DC का तबादला कर दिया, इनमें शर्म नाम की कोई चीज़ नहीं है, जब राष्ट्रपति आएंगे तो उस जिले का प्रतिनिधि होने के नाते मुझे वहां जाना होगा लेकिन जहां पर ये CM बैठेंगे उस प्लेटफार्म को मैं शेयर नहीं करूंगा.

यह भी पढ़ें : कर्नाटक : राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के आरोप में जेडीएस ने 8 विधायकों को निलंबित किया

दरअसल सोमवार को कर्नाटक में कई अधिकारियों का तबादला किया गया इनमे हस्सान ज़िले की डिप्टी कमिश्नर रोहिणी सिंदूरी भी है. देवगौड़ा इसी बात से नाराज़ है. मैई कार्यक्रम से ठीक पहले डीसी केयोनि को हटाया गया. मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इस मामले में दो टूक जवाब दिया कि 'कैयी अधिकारियों के तबादले किए गए हैं और ये एक प्रशासनिक प्रक्रिया है'. सिद्धरमैया और देवगौड़ा के बीच मतभेद एक दशक पुराना है. 2005 में देवगौड़ा ने सिद्धरमैया को जे डीएस से निकाल दिया था इस आरोप के साथ कि वो पार्टी के नेताओं को कांग्रेस में ले जाने के लिए वर्गला रहे हैं.

दो बार राज्य के उप मुख्यमंत्री रहे सिद्धरमैया को कांग्रेस ने सोनिया गांधी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल किया. 2006 में जब देवगौड़ा, कुमारस्वामी ने धर्म सिंह की सरकार गिराकर बीजेपी के साथ साझा सरकार बनाई और देव गौड़ा ने इसका विरोध किया तो सिद्दरामैया ने देवेगौड़ा पर ही सवाल उठाए ये कहते हुए की अगर देवगौड़ा इस मामले को इतना गंभीरता से ले रहे हैं तो उन्हें अपने बेटे को तुरंत निकाल देना चाहिए

चुनावो को अब जबकि 3 महीने के आस-पास का वक़्त रह गया है ऐसे में देवगौड़ा सिद्दरामैया के खिलाफ दिए गए बयान का राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. अफवाहों का बाजार गर्म है कि बीजेपी और जेडीएस  किसी गुप्त समझौते के काफी नज़दीक है जिसके तहत उन सीटों पर जेडीएस मज़बूत उम्मीदवार खड़े करेगी जहां कांग्रेस की पकड़ मजबूत है. 2013 में हुए विधान सभा चुनावों में 225 सीटों वाली कर्नाटक विधान सभा में बीजेपी और कांग्रेस को 40-40 सीटें मिली थीं. येद्दयुरप्पा की बगावत बीजेपी को महंगई पड़ी थी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com