साबरमती में जस्टिन ट्रूडो अपने परिवार के साथ.
नई दिल्ली:
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपनी भारत यात्रा के दौरान सोमवार को गुजरात में हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके साथ वहां मौजूद नहीं हैं, जिस तरह वह चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे तथा इस्राइली प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू की गुजरात यात्रा के समय मौजूद रहे थे. इस समय गुजरात में होने के स्थान पर प्रधानमंत्री कर्नाटक के दौरे पर हैं, जहां कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.
वैसे, जस्टिन ट्रूडो शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय वार्ता के लिए मुलाकात करेंगे.
केंद्र सरकार के शीर्षस्थ सूत्रों ने उन अटकलों का ज़ोरदार खंडन किया है, जो अधिकतर कनाडाई मीडिया में चल रही हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात में ट्रूडो के साथ मौजूद न होना जानबूझकर उन्हें नज़रअंदाज़ किया जाना है, क्योंकि भारत दरअसल कनाडा में सिख कट्टरवाद तथा अलग खालिस्तान राज्य की मांग को समर्थन को लेकर चिंतित है.
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री के लिए हर भ्रमणकारी राजनैतिक हस्ती के साथ हर जगह घूमना ज़रूरी नहीं है, और वह तब भी मौजूद नहीं थे, जब शुक्रवार को ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी हैदराबाद गए थे.
आमतौर पर जब भी कोई जानी-मानी हस्ती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात का दौरा करती है, प्रधानमंत्री अक्सर उनके साथ मौजूद रहते आए हैं.
सभी विदेशी राजनेता आमतौर पर गुजरात यात्रा के दौरान गांधीनगर स्थित अक्षरधाम मंदिर तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम जाया करते हैं, और जस्टिन ट्रूडो भी सोमवार को इन्हीं दोनों स्थानों पर जाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले माह इस्राइली प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू, पिछले वर्ष जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे तथा वर्ष 2014 में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ गुजरात दौरे के समय मौजूद रहे थे.
इसके अलावा नज़र रखने वालों के हिसाब से ज़्यादा अजीब बात यह है कि सोशल मीडिया पर सबसे ज़्यादा एक्टिव रहने वाले नेताओं में शुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पत्नी-बच्चों सहित भारत पहुंचे कनाडाई प्रधानमंत्री के बारे में अब तक एक बार भी कोई ट्वीट नहीं किया है.
वैसे, जस्टिन ट्रूडो शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय वार्ता के लिए मुलाकात करेंगे.
केंद्र सरकार के शीर्षस्थ सूत्रों ने उन अटकलों का ज़ोरदार खंडन किया है, जो अधिकतर कनाडाई मीडिया में चल रही हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात में ट्रूडो के साथ मौजूद न होना जानबूझकर उन्हें नज़रअंदाज़ किया जाना है, क्योंकि भारत दरअसल कनाडा में सिख कट्टरवाद तथा अलग खालिस्तान राज्य की मांग को समर्थन को लेकर चिंतित है.
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री के लिए हर भ्रमणकारी राजनैतिक हस्ती के साथ हर जगह घूमना ज़रूरी नहीं है, और वह तब भी मौजूद नहीं थे, जब शुक्रवार को ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी हैदराबाद गए थे.
आमतौर पर जब भी कोई जानी-मानी हस्ती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात का दौरा करती है, प्रधानमंत्री अक्सर उनके साथ मौजूद रहते आए हैं.
सभी विदेशी राजनेता आमतौर पर गुजरात यात्रा के दौरान गांधीनगर स्थित अक्षरधाम मंदिर तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम जाया करते हैं, और जस्टिन ट्रूडो भी सोमवार को इन्हीं दोनों स्थानों पर जाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले माह इस्राइली प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू, पिछले वर्ष जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे तथा वर्ष 2014 में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ गुजरात दौरे के समय मौजूद रहे थे.
इसके अलावा नज़र रखने वालों के हिसाब से ज़्यादा अजीब बात यह है कि सोशल मीडिया पर सबसे ज़्यादा एक्टिव रहने वाले नेताओं में शुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पत्नी-बच्चों सहित भारत पहुंचे कनाडाई प्रधानमंत्री के बारे में अब तक एक बार भी कोई ट्वीट नहीं किया है.
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